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Ram Mandir Ayodhya: बचपन से हम सभी लोगों ने बहुत से किस्से, कहानियां और टीवी सीरियल में पाताल लोक के बारे में सुना और देखा है. पौराणिक कथा के अनुसार जहां हम रहते हैं उसे पृथ्वी लोक बोला गया है. वहीं, पृथ्वी लोक के नीचे एक ओर दुनिया बताई जाती है, जिसे पाताल लोक के नाम से जाना जाता है. समुद्र की असीम गहराइयों में पाताल का अस्तित्व बताया जाता है. कहते हैं कि धरती और समुद्र के नीचे जाकर पाताल लोक का अस्तित्व मिलता है. लेकिन पाताल की बातें सुनकर क्या आपके मन में भी यही प्रश्न आता है कि क्या सही में पाताल लोक है?
कई बार लोग सोचते हैं कि ये सिर्फ एक कल्पना मात्र है. या फिर पुराणों में ही इसका जिक्र मिलता है. यहां तक कि रामायण की कथा में भी पाताल लोक का जिक्र मिलता है. इसमें भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी एक सुरंग से होकर पाताल पहुंचते हैं. प्रभु श्री राम की रावण से रक्षा करने के लिए हनुमान जी पाताल से होकर गुजरते हैं. लेकिन जानते हैं क्या सही में है पाताल?
क्या पाताल लोक सही में है?
रामायण में जिस पाताल लोग का जिक्र मिलता है, उसे धरती के नीचे दुनिया माना गया है. पाताल लोक तक जाने के लिए 70 हजार योजन की गहराई तक जाना पड़ता. वैज्ञानिकों ने एक खोज में अमेरिका के होंडुरास में “सियूदाद ब्लांका” नाम के एक पुराने शहर की खोज की है. इसे देखकर बहुत से जानकारों को कहना है कि ये वहीं शहर है, जहां से हनुमान जी पाताल लोक पहुंचे थे. इस बात को मानने के कई अन्य कारण भी मौजूद हैं.
मिली हैं कई वानर देव की मूर्तियां
अमेरिका में मिले इस शहर को पाताल कहने का एक कारण ये है कि अगर भारत से कोई सुरंग खोदी जाए, तो वो सुरं सीधी वही सियूदाद ब्लांका ही निकलेगी. वहीं दूसरा कारण इस सुरंग में हनुमान जी जैसी किसी वानर देव की मूर्तियों का मिलना है. इन मूर्तियों में वानर देव घुटनों के बल बैठे हैं. साथ ही, उनके हाथ में गदा जैसा दिखने वाला कोई हथियार भी है.
वहीं, कई इतिहासकारों का कहना है कि हजारों साल पहले ही विलुप्त हो चुके इस शहर में लोग वानर मूर्ति की पूजा किया करते थे. इसलिए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि रामायण में जिस पाताल लोक का जिक्र हुआ है वे ये विलुप्त हुआ शहर ही है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)