Sawan 2023: सावन में करें महादेव की आराधना, इसलिए किया जाता है शिवलिंग का जलाभिषेक
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Sawan 2023: सावन में करें महादेव की आराधना, इसलिए किया जाता है शिवलिंग का जलाभिषेक

Jal Abhishek: भगवान शिव तो पूरी आस्था और विश्वास के साथ एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव का विशेष महत्व होता है.

 

सावन 2023

Jalabhishek Shivling: पंचांग के अनुसार हर महीना किसी न किसी देवता को समर्पित है. जैसे भाद्रपद का महीना भगवान कृष्ण, अश्विन का महीना देवी मां को समर्पित है, उसी तरह से सावन का महीना भगवान शिव का महीना है. हर कोई भगवान भोलेशंकर की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करना चाहता है. भगवान शिव का एक नाम आशुतोष भी है. आशु का अर्थ है जल्दी और तोष यानी संतुष्ट होने वाला. नाम से ही स्पष्ट है कि भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं. पूरे भाव और श्रद्धा तथा आस्था के साथ सावन के महीने में शिवलिंग पर रोज जल और बेलपत्र का अर्पण करें तो आपके जीवन में कैसी भी बाधा होगी, वह दूर हो जाएगी. 

भगवान शिव तो पूरी आस्था और विश्वास के साथ एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव का विशेष महत्व होता है. देवताओं और असुरों ने मिलकर जब अमृत निकालने के लिए समुद्र मंथन किया तो अमृत निकलने के पहले अन्य कई पदार्थो के साथ विष भी निकला था. देवताओं के आग्रह पर ही भोलेशंकर ने इस विष को ग्रहण किया और विष के प्याले को भगवान शिव ने पीकर अपने गले में रोक लिया. 

जब शिवजी ने विष पान किया था, तब सावन का ही महीना था. उसी विष की गर्मी को शांत करने के लिए भक्त जल अर्पित करते हैं और शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. शिवालयों में शिवलिंग के ऊपर कलश से एक-एक बूंद जल भी इसलिए गिरता रहता है, ताकि शिवजी को शीतलता मिलती रहे और विष की जलन का आभास न होने पाए.  

मन में प्रसन्नता

सावन का महीना जल तत्व का महीना है. आपके शरीर में जो जल तत्व है, वह दरअसल है पीनेस का एलिमेंट है. कुंडली में चंद्रमा और शुक्र जल तत्व के मालिक होते हैं और जब यह कमजोर होते हैं तो सबकुछ होने के बाद भी आप प्रसन्न नहीं होते हैं. आपको आनंद नहीं आता है, हैप्पीनेस नहीं फील होता है. सावन के महीने से ही आनंद के पर्व शुरू हो जाते हैं. हरियाली तीज, नागपंचमी, सावन में झूले आदि सब खुशी के प्रतीक है. प्रकृति भी आनंद मनाती है. इन सबसे मन प्रेम, वासना और उन्माद की तरफ भागता है, जिसे रोकने के लिए शिवजी की पूजा की जाती है. शिवजी मन के कंट्रोलर माने जाते हैं. वह मन को नियंत्रण में रखते हैं.

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