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नई दिल्ली. भगवान (God) की लीला को समझना इंसान के बस की बात नहीं है. कई बार भगवान कुछ ऐसे चमत्कार (Miracles of God) करते हैं, जिन्हें देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है. भगवान का एक ऐसा ही चमत्कार जबलपुर (Jabalpur) के सदर स्थित प्राचीन काली मंदिर (Kali Mandir) में देखने को मिलता है.
काली मंदिर में जरा सी गर्मी बढ़ने पर काली माता की मूर्ति से पसीने (Sweat) निकलने शुरू हो जाते हैं. काली माता (Kali Mata) को गर्मी न लगे इसके लिए मंदिर में एसी (AC) की व्यवस्था की गई हैं, लेकिन कभी-कभी एसी बंद होने पर माता की मूर्ति से पसीने टपकने का क्रम आज भी जारी है.
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जबलपुर (Jabalpur) के सदर स्थित प्राचीन काली मंदिर (Kali Mandit) में लगी काली माता की मूर्ति गोंड शासनकाल के समय की है. बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 550 साल पुराना है. इस मंदिर की भव्यता और नक्कासी देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. यहां माता के चमत्कार के दर्शन करने के लोग दूर-दूर से आते हैं. नवरात्रों (Navratri) पर यहां भक्तों का जमावड़ा लगता है. माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से माता के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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बताया जाता है कि पहले काली माता (Kali Mata) की मूर्ति को मदनमहल किले के आस-पास स्थापित करने की योजना बनाई गई थी. इस मूर्ति को बैलगाड़ी पर रखकर जबलपुर लाया जा रहा था, लेकिन बैलगाड़ी के सदर बाजार के नजदीक पहुंचते ही अचानक बैलगाड़ी के पहिए जाम हो गए. बहुत कोशिशें करने के बावजूद बैलगाड़ी आगे नहीं बढ़ाई जा सकी. तब माता की मूर्ति को उताकर वृक्ष के नीचे रख दिया गया था. आज इसी जगह पर काली मंदिर स्थित है.
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