यदि आपको लगता है कि आप किसी ऊपरी भूत-बाधा आदि से प्रभावित हैं या किसी अदृश्य शक्ति के कारण तमाम तरह के कष्ट झेल रहे हैं तो आपको श्री हनुमान जी की इस चौपाई का पाठ अवश्य करना चाहिए.
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नई दिल्ली: कलयुग में भगवान हनुमान (Hanuman) जी सभी प्रकार की विपत्ति से बचाने और कामनाओं को पूरा करने वाले देवता हैं. बजरंग बली सभी संकटों को दूर करने वाले हैं इसीलिए उन्हें संकटमोचक कहा जाता है. जीवन में कैसा भी भय हो, बाधा हो या पीड़ा हो संकटमोचक का सुमिरन करते ही वो उसको दूर करने के लिए दौड़े चले आते हैं.
सप्त चिरंजीवी में से एक श्री हनुमान जी युगों-युगों से पृथ्वी पर मौजूद हैं. मान्यता है कि कलयुग में जहां कहीं भी भगवान श्री राम की पूजा या कीर्तन होता है, वहां पर हनुमान जी अदृश्य रूप में मौजूद रहते हैं. आइए जीवन के अमंगल को दूर करने के लिए मंगल ही मंगल करने वाले ऐसे कल्याणकारी देवता श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय जानते हैं, जिसको करते ही अंजनि पुत्र आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए दौड़े चले आएंगे.
1. कोरोना काल में अधिकांश लोग इस महामारी को लेकर चिंतित हैं. सुखद पहलू ये है कि बहुत से लोग इससे ठीक होकर उबर भी रहे हैं लेकिन कई लोग इस बीमारी लेकर मानसिक रूप से काफी परेशान भी हैं. बीमारी चाहे जैसी भी हो निश्चित रूप से चिंता का विषय होती है. जिससे उबरने के लिए शरीर के साथ ही मन की ताकत की भी जरूरत होती है. यदि आपके घर का कोई सदस्य किसी भी बीमारी से पीड़ित है तो आप उसकी दवा आदि करने के साथ-साथ बजरंग बली की इस चौपाई का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करें. इसे करने से निश्चित रूप से भगवान की कृपा होगी और बीमारी से उबरने की ताकत प्राप्त होगी.
'नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।'
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2. यदि आपको लगता है कि आप किसी ऊपरी भूत-बाधा आदि से प्रभावित हैं या किसी अदृश्य शक्ति के कारण तमाम तरह के कष्ट झेल रहे हैं तो आपको श्री हनुमान जी की इस चौपाई का पाठ अवश्य करना चाहिए. बजरंगी की इस चौपाई को श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से कैसी भी भूत-बाधा हो, वो दूर हो जाती है.
'भूत पिसाच निकट नहीं आवैं। महावीर जब नाम सुनावै।।'
3. बजरंग बली की विशेष कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन दक्षिणमुखी हनुमान जी की मूर्ति के सामने लाल रंग के आसन पर लाल रंग के कपड़े पहनकर बैठें और साधना करें. श्री हनुमान जी को विधि-विधान से सिंदूर और चोला चढ़ाएं. फल में विशेष रूप से अनार और पान अर्पित करें. यदि समय हो तो सुंदरकांड का पाठ करें. संभव न हो तो हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. कहा भी गया है कि 'जो शत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।।' कहने का तात्पर्य ये है कि श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने वाला सभी बंधनों से मुक्त होकर परम सुख को प्राप्त करेगा.
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