किसी भी घर और उसमें रह रहे जातक के ऊपर वास्तुदोष का कई प्रकार से प्रभाव पड़ता है. मसलन, घर की किस दिशा में वास्तु दोष है? वास्तु दोष से प्रभावित स्थान का प्रयोग करने वाले व्यक्ति की उम्र क्या है? जानिए इन सवालों के जवाब.
Trending Photos
नई दिल्ली: किसी भी इंसान के साथ दो तरह के दोष जुड़े होते हैं. पहला प्रारब्धजनित दोष और दूसरा घर से जुड़ा वास्तुजनित दोष. इन दोनों ही दोष का उसके जीवन में बहुत ज्यादा असर पड़ता है. मसलन यदि आप प्रारब्ध के अनुसार बुरे दौर से गुजर रहे हैं तो आपको शत-प्रतिशत वास्तुजनित भवन में रहने के बाद भी तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा. इस तरह प्रारब्ध क अनुसार अच्छे समय से गुजरते समय वास्तुदोष वाले भवन का कोई खास प्रभाव आपके जीवन में नहीं पड़ता है और आपको सुख-समृद्धि दोनों ही हासिल होती है.
किसी भी घर और उसमें रह रहे जातक के ऊपर वास्तुदोष का कई प्रकार से प्रभाव पड़ता है. मसलन, घर की किस दिशा में वास्तु दोष है? वास्तु दोष से प्रभावित स्थान का प्रयोग करने वाले व्यक्ति की उम्र क्या है? वास्तुदोष कितना बड़ा या छोटा है? वास्तुदोष मानव निर्मित है या प्राकृतिक है?
इन पर नहीं होगा वास्तु दोष का असर
यदि कोई व्यक्ति संतानोत्पत्ति की उम्र को पार कर चुका है. ऐसे बुजुर्ग दंपत्ति को यदि उस कमरे में सुला दिया जाय जो क्षेत्र संतान उत्पत्ति के लिए बाधक है, तो उस दंपत्ति के ऊपर किसी बाधा या दुष्परिणाम का असर नहीं होगा. ऐसे में यह जान लेना चाहिए कि वास्तुदोष का ज्यादा असर का संबंध उम्र से भी है.
इन चीजों का पड़ता है बड़ा असर
किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करने वाले वास्तुदोष से जुड़े कारकों में दिशा का विशेष महत्व होता है. प्रत्येक दिशा का कोई न कोई स्वामी ग्रह होता है, जो अपने गुण व स्वभाव के अनुसार तत्वों का निःसरण कर व्यक्ति को संतुलन प्रदान करता है. किसी भी भवन से जुड़े वास्तुदोष के लिए हम पश्चिम दिशा पर विशेष रूप से चिंतन करते हैं. यह दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में अधिक संवेदनशील है. ऐसे में इस दिशा से जुड़ी चीजों का विशेष ध्यान रखकर दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं कि पश्चिम दिशा में किन चीजों का रखना चाहिए विशेष ख्याल:
— यदि आपका प्लॉट पश्चिमामुखी हो तो आप घर बनवाते समय अपना मेनडोर पश्चिम दिशा में ही रखें. इससे आपको दिशा दोष नहीं लगेगा.
— मकान के के पश्चिमी भाग में बड़े एवं भारी पेड़-पौधे न लगाएं. इससे सेहत सही रहेगी और सुख-समृद्धि बढ़ेगी.
— पश्चिम दिशा में वास्तुदोष से बचने के लिए लाल पर्दा न लगाएं.
— मकान में जल निकास की व्यवस्था पश्चिम की ओर भूलकर भी न करें. ऐसा करने पर आप गृह कलह व अधिक खर्च की स्थिति से बच जाएंगे.
— मकान के पश्चिमी कमरों में दूसरे कमरों की अपेक्षा भारी समान रखें. इसी तरह घर के प्रत्येक कमरे की पश्चिमी दिशा में भारी समान रखें. ऐसा करने से आपके घर में हमेशा नई ऊर्जा बनी रहेगी.