Lord Hanuman: हनुमान जी चिरंजीवी हैं इसलिए प्रत्येक युग और काल में पाए जाते हैं और शायद यही कारण है कि इनकी हर जगह आराधना की जाती है. वह जिस पर कृपा कर देते हैं उसके जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं और वह सुख पूर्वक जीवन जीने लगता है. समाज में विभिन्न स्थानों पर बने मंदिरों में हनुमान जी के 11 प्रकार के स्वरूप मिलते हैं जिनमें से सबसे पहला है पूर्वाभिमुख हनुमान. 


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दूर होंगे दुश्मन


 


पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंगबली को वानर रूप में पूजा जाता है.  इस रूप में भगवान हनुमान जी को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया गया है. शत्रुओं को परास्त और संकट को हरने के लिए बजरंगबली जाने जाते हैं. दुश्मन अगर आप पर हावी हो रहे तो पूर्व मुखी हनुमान की पूजा शुरू कर देनी चाहिए और उनकी प्रतिमा के सामने स्वच्छ आसन में बैठकर घी के दीपक जलाने के बाद नित्य हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ कर उनकी कृपा पाई जा सकती है.  


 


हनुमान जी अतुलित बलशाली तो हैं, चिरजीवी भी हैं और यह वरदान उन्हें माता सीता ने पुत्रवत मान कर प्रदान किया था. चिरंजीवी होने के कारण ही वह आज भी अपने शरीर में उपस्थित हैं और धरती पर विचरण कर रहे हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु जब कल्कि रूप में अवतार लेंगे तो वह भी सशरीर उपस्थित रहेंगे. 


 


कष्टों से मिलती है मुक्ति 


 


हनुमान चालीसा में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा भी है “और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई” अर्थात अन्य कोई भी देवता पूजा करने के बाद भी ध्यान नहीं देते हैं जबकि दूसरी ओर श्री हनुमान जी पूजा करने वाले के जीवन के कष्टों को दूर कर उसके लिए सुखकारक वातावरण बनाने का कार्य कर देते हैं. हनुमान जी अपने भक्तों पर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं जिसके कारण हर कोई उनकी आराधना कर अपनी परेशानियों का हल निकाल लेता है.