Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी पर बन रहे हैं ये 2 बेहद शुभ योग, मुंह मांगी इच्छा हो जाएगी पूरी
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Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी पर बन रहे हैं ये 2 बेहद शुभ योग, मुंह मांगी इच्छा हो जाएगी पूरी

Shubh Yog On Yogini Ekadashi 2023: हिंदू शास्त्रों में एकादशी का विशेष महत्व है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन सूर्योदय के समय कुंडली में गजकेसरी और बुधादित्य राजयोग का निर्माण हो रहा है. 

 

yogini ekadashhi 2023

Gajkesari Rajyog-Budhaditya Yog: हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकदाशी तिथि को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार योगिनी एकादशी 14 जून बुधवार की पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार योगिनी एकादशी के दिन बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. 

बता दें कि योगिनी एकादशी के दिन सूर्योदय के समय गजकेसरी र बुधादित्य राजयोग का निर्माण हो रहा है. कहते हैं कि इन दोनों योगों में व्रत और पूजा का संकल्प लेना बहुत शुभ माना गया है. कहते हैं कि इस व्रत का दोगुना पुण्य फल प्राप्त होगा. इतना ही नहीं, भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके लिए योगिनी एकादशी को श्रेष्ठ माना गया है. जानें इस दिन भगवान विष्णु के किस स्वरूप की पूजा की जाती है? और साथ ही, एकादशी व्रत के नियम.  

योगिनी एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 जून, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 28 मिनट से लेकर एकादशी तिथि का समापन 14 जून, बुधवार, सुबह 08 बजकर 48 बजे पर होगा. 

योगिनी एकदाशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक है. इसके अलावा, सुबह 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है. 

योगिनी एकादशी पर व्रत पारण का समय 15 जून गुरुवार, सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक का समय है.  

योगिनी एकादशी पर करें भगवान विष्णु के इस रूप की पूजा

स्कंद पुराण के अनुसार आषाढ़ माह में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. इस माह में वामन अवतार की पूजा करना उत्तम माना गया है. कहते हैं कि आषाढ़ माह के अधिपति  वामन देव हैं. ऐसे में इस माह के दोनों पक्षों की एकादशी पर वामन अवतार की पूजा की जाती है. आषाढ़ माह की एकादशी योगिनी एकादशी को भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा कर उनका लाभ उठाएं.

वामन अवतार की पूजा से होंगे ये लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति आषाढ़ माह में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करते हैं, भगवान प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाएं जल्द पूरी करते हैं. कहते हैं कि इस माह में भगवान श्री हरि को प्रसन्न करने से भक्तों की सभी मुंह मांगी इच्छाएं पूरी होती हैं. इतना ही नहीं, संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही, व्यक्ति को पाप और कष्ट से मुक्ति मिलती है. 

योगिनी एकादशी व्रत के नियम

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योगिनी एकदाशी के दिन पूर्व यानी आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को सूर्यास्त के बाद रात के समय एकादशी व्रत और भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा का संकल्प अवश्य लें. 

- इस दौरान व्रत के समय अन्न का सेवन नहीं किया जाता. योगिनी एकादशी पर फलाहार किया जाता है. दशमी से लेकर एकादशी व्रत के पारण तक व्यक्ति को ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करना चाहिए.

- योगिनी एकादशी के दिन सुबह स्नना के बाद भगवान विष्णु और लक्ष्मी नारायण स्वरूप का ध्यान करने से लाभ होता है. इसके बाद पंचामृत, तुलसी के पत्ते समेत पूजा की अन्य सामग्री से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए. 

- एकादशी के दिन पूजा के बाद गरीबों को अन्न, भोजन, वस्त्र, जल आदि का दान किया जाता है. इस माह में गर्मी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इस माह में पानी के दान का विशेष महत्व होता है. 

- रात के समय श्री हरि के मंदिर में घी  का दीपक जलाएं. रात्रि जागरण करें और सूर्योदय के बाद पूजा-पाठ करें और विधिपूर्वक व्रत का पारण करें.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)   

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