तीन सूर्यों जितने भारी तारे को नींबू की तरह निचोड़ रहा ब्लैक होल, ब्रह्मांड में छोड़ता है भयानक रेडिएशन
Black Hole Eating A Star: एस्ट्रोनॉमर्स ने पृथ्वी से 20,000 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक ब्लैक होल का पता लगाया है. यह तीन सूर्यों के बराबर द्रव्यमान वाले तारे को निगलने में जुटा हुआ है.
Black Hole News: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लैक होल खोजा है जो बेहद शक्तिशाली रेडिएशन अंतरिक्ष में छोड़ रहा है. इससे निकलने वाला रेडिएशन किसी कॉस्मिक पार्टिकल एक्सीलेरेटर जैसा है. वैज्ञानिकों को लगता था कि अंतरिक्ष की सबसे अधिक ऊर्जा वाली गामा किरणें बेहद दूर स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल की भट्टियों में पैदा होती हैं. लेकिन, नई खोज में बेहद उच्च ऊर्जा वाले फोटॉन्स को इस ब्लैक होल से निकलते देखा गया है. यह ब्लैक होल V4641 Sagittarii सिस्टम में है जो पृथ्वी से लगभग 20,000 प्रकाश वर्ष दूर है.
बड़े तारे की धज्जियां उड़ाने में जुटा 'छुटकू' ब्लैक होल
V4641 Sagittarii में मौजूद ब्लैक होल का द्रव्यमान छह सूर्यों के बराबर है. लेकिन यह तीन सूर्यों जितने द्रव्यमान वाले तारे की परतें उधेड़ने में लगा हुआ है. वैज्ञानिकों ने इस ब्लैक होल से निकलते अत्यधिक ऊर्जा वाले फोटॉन्स की पहचान की है. यहां 200 टेराइलेक्ट्रॉनवोल्ट (TeV) तक की ऊर्जा वाले फोटॉन का पता लगाया गया है. तुलना के लिए, यह दिखने वाले प्रकाश की तुलना में 200 ट्रिलियन गुना अधिक ऊर्जा है.
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क्यों हैरान कर रही यह खोज?
इतनी अधिक ऊर्जा वाली गामा किरणों को ब्रह्मांड में घूमते हुए देखा जाता है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि वे ज्यादातर क्वासरों में उत्पन्न होती हैं. क्वासर बड़ी आकाशगंगा के चमकदार केंद्र होते हैं, जिसमें सुपरमैसिव ब्लैक होल भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं क्योंकि वे अंदर गिरने वाली गैस को निगलते हैं.
अंतरिक्ष में धरती का 'बॉडीगार्ड', सूर्य से निकलते भयानक रेडिएशन से हर पल बचाता है
V4641 Sagittarii को माइक्रोक्वासर माना जाता है, यानी यह सामान्य क्वासर के छोटे रूप की तरह काम करता है. इसका ब्लैक होल छोटा है, पदार्थ का स्रोत छोटा है, और उनसे निकलने वाला विकिरण (रेडिएशन) भी छोटा है. लेकिन 'नेचर' पत्रिका में छपी नई स्टडी इस समझ पर सवाल खड़े करती है.