Chandrayaan 3 found sulphur: मिशन चंद्रयान-3 बड़ी तेजी से काम कर रहा है. चंदा मामा की सतह पर कौन-कौन से तत्व यानी चीजें मौजूद हैं? इसका खुलासा होने लगा है. इस बीच रोवर प्रज्ञान ने सल्फर की खोज की है. अब ये सवाल उठ रहा है कि ये आखिर ये सब चीजें चांद पर कैसे पहुंची.
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Pragyan found Sulphar on moon: चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) मिशन के दौरान हर दिन कोई नई जानकारी मिल रही है. लगभग हर रोज नये खुलासे हो रहे हैं. इन सफलताओं के बीच रोवर प्रज्ञान में लगे दूसरे इक्विपमेंट (टूल) ने भी चांद पर सल्फर (Sulphar) होने का पता लगाया है. अपनी इस खोज को लेकर इसरो ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के जरिए बताया कि रोवर में लगे APXS यानी अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप ने वहां सल्फर के साथ अन्य तत्वों का भी पता लगाया है. इससे पहले रोवर पर लगे लेसर स्पेक्ट्रोस्कोप LIBS इक्विपमेंट ने सल्फर की मौजूदगी का पता लगाया था. आपको बताते चलें कि अबतक की खोज में चांद पर एल्युमिनियम, कैल्सियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटैनियम, मैंगनीज, सिलकन और ऑक्सिजन होने का खुलासा हो चुका है.
इसरो अब ये जांच भी करेगा
इस बीच अब ये जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि इसरो यह भी पता लगाएगा कि चांद पर आखिरकार सल्फर आया तो आया कहां से? एजेंसी के वैज्ञानिक दरअसल यह जानना चाहते हैं कि वो अब इस बात की खोज भी कर रहे हैं कि चांद पर सल्फर आया कहां से? वहां मिला यह सल्फर आंतरिक (intrinsic) रूप से मौजूद है कि किसी ज्वालामुखीय घटना की वजह से वहां सल्फर की उत्पत्ति हुई है या फिर किसी उल्कापिंड के जरिए ये चीज चांद पर पहुंची है, इस दिशा में भी पड़ताल की जाएगी.
ऐसे निकल कर सामने आती है काम की ये जानकारी
आपको बताते चलें कि प्रज्ञान कई हाइटेक उपकरणों से लैस है. उसमें मौजूद एक 18 सेंटीमीटर लंबे APXS में वहां पर मौजूद चीजों का पता लगाने की क्षमता है. यह उपकरण सतह के नमूने पर अल्फा कण और एक्स-रे फेंकते हैं. जो सतह पर मौजूद तत्वों के अनुरूप खास तरह के विशिष्ट संकेत देते हैं. इस तरह एक्स-रे की एनर्जी और उनकी तीव्रता को मापकर उस सैंपल में मौजूद तत्वों और उनकी प्रचुरता का पता लगाया जाता है.