यदि इस नई रिसर्च पर भरोसा किया जाए तो धरती के अंदर का हिस्सा अपेक्षा से ज्यादा तेजी से ठंडा हो रहा है. ऐसा बुध और मंगल ग्रह में भी हुआ था. ये खुलासा 'Earth and Planetary Science Letters Journal' में हुआ है.
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नई दिल्ली. क्या धरती अपनी अपेक्षा से जल्द ठंडी होने वाली है, यदि ऐसा हुआ तो मानव जीवन पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह सवाल एक रिसर्च के सामने आने के बाद तेजी से उठ रहा है.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के ईटीएच प्रोफेसर मोतोहिको मुराकामी और उनके एक साथी ने रिसर्च की है जो 'Earth and Planetary Science Letters Journal' में पब्लिश्ड हुई है. इस रिसर्च के अनुसार धरती के अंदर का हिस्सा अपेक्षा से जल्द ठंडा हो रहा है. ये कुछ ऐसा ही है जैसे बुध और मंगल ग्रह पर हुआ था जहां जीवन का नामोनिशान नहीं है.
इन विशेषज्ञों ने एक माप प्रणाली विकसित की है जो प्रयोगशाला में ब्रिजमेनाइट की तापीय चालकता को मापने में सक्षम बनाती है. यह बताता है कि पृथ्वी के अंदर मौजूद दबाव और तापमान की स्थिति में क्या बदलाव हो रहे हैं.
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इसमें सामने आया कि धरती के कोर से मेंटल में गर्मी का प्रवाह भी पहले की तुलना में अधिक है. अधिक ऊष्मा प्रवाह मेंटल संवहन को बढ़ाता है जिससे पृथ्वी की ठंडक बढ़ती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि ये बदलाव ग्रह के ठंडा होने की ओर ले जा रहे हैं.
मुराकामी ने समझाया, "हमारे परिणाम हमें पृथ्वी की गतिशीलता के विकास पर एक नया दृष्टिकोण दे सकते हैं. वे सुझाव देते हैं कि पृथ्वी, अन्य चट्टानी ग्रहों बुध और मंगल की तरह ठंडा हो रहा है. हम अभी भी इस प्रकार की घटनाओं के बारे में पूरी तरह नहीं जानते हैं."
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