500 साल पुरानी कब्र से निकली हैरान कर देने वाली चीज, अकाल और महामारी से जुड़ा है रहस्‍य
Advertisement
trendingNow11087895

500 साल पुरानी कब्र से निकली हैरान कर देने वाली चीज, अकाल और महामारी से जुड़ा है रहस्‍य

दक्ष‍िण अमेरिकी देश पेरू में जब कुछ कब्रों की खुदाई की तो 500 साल पुरानी कब्रों से ऐसी चीज बाहर निकल कर आई जो हैरान कर देने वाली थी. 

स्‍ट‍िक में 192 मानव रीढ़ की हड्डी मिलीं.

नई दिल्‍ली: 500 साल पुरानी कब्र से ऐसी चीज बाहर निकल कर आई है जिससे पुरातत्वविद भी हैरान हो रहे हैं. इन कब्रों में से स्‍ट‍िक में 192 रीढ़ की हड्डी मिली हैं. इसके बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. 

  1. कब्रों की खुदाई में मिली स्‍ट‍िक में पिरोई गईं रीढ़ की हड्डी 
  2. दक्ष‍िण अमेरिकी देश पेरू की चिंचा घाटी में मिले ये अवशेष 
  3. 500 साल पुरानी हैं ये कब्रें 

स्‍ट‍िक में 192 मानव रीढ़ की हड्डी मिलीं 

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्वविदों को पेरू में 500 साल पुरानी कब्रों में स्‍ट‍िक में 192 मानव रीढ़ की हड्डी मिली हैं. पुरातत्व पत्रिका एंटिक्विटी में प्रकाशित नए अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, दक्षिण अमेरिका सहित दुनिया के कई क्षेत्रों में मानव शरीर के पोस्‍टमॉर्टम के दस्‍तावेजीकरण के प्रमाण मिले हैं. 

500 साल पुराने हैं ये अवशेष 

पेरू की चिंचा घाटी में हाल ही में पुरातात्विक क्षेत्र का काम चल रहा था, जिसमें ये खोज हुई. अध्ययन में शोधकर्ता इन रीढ़ की हड्डी के वितरण और संरचना के बारे में लिखते हैं जो 1400-1532 ईसवी और औपनिवेशिक काल 1532 से 1825 ईसवी के बीच की अवधि के हैं. 

यह भी पढ़ें: लिपिस्‍ट‍िक और नेल पॉलिश में दिखीं महिला सैनिक, सीक्रेट वैपन को सामने लाया रूस

मृतकों की रीढ़ की हड्डी निकालकर फिर से कब्र में दफनाई गईं

लेखकों का तर्क है कि ये संशोधित अवशेष एक सामाजिक प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने औपनिवेशिक काल की लूट के जवाब में मृतकों की रीढ़ की हड्डी निकालकर फिर से कब्र में दफनाई में गईं. मानव अवशेषों का यह हेरफेर जीवित और मृत लोगों के बीच लंबे संबंधों और मानव अवशेषों के स्थायी सामाजिक जीवन को दर्शाता है. अध्ययन के प्रमुख लेखक जैकब एल बोंगर्स ने कहा कि यह विशेष अवधि चिंचा घाटी के इतिहास में अशांत थी क्योंकि महामारी और अकाल ने स्थानीय लोगों के जीवन को नष्ट कर दिया था. 

चिंचा घाटी में स्वदेशी कब्रों की लूट व्यापक स्‍तर पर हुई 

बोंगर्स ने बताया कि औपनिवेशिक काल में चिंचा घाटी में स्वदेशी कब्रों की लूट व्यापक स्‍तर पर हुई थी. लूटपाट का उद्देश्य मुख्य रूप से सोने और चांदी से बनी कब्र के सामान को हटाना था और स्वदेशी धार्मिक प्रथाओं और अंत्येष्टि रीति-रिवाजों को मिटाने का यूरोपीय प्रयास था.  

इस बारे में एक तथ्य यह है कि इस तरह रीढ़ की हड्ड‍ियों की संख्‍या 192 हैं और ये पूरी चिंचा घाटी में मिलती हैं. इसका मतलब है कि कई समूहों ने मिलकर कब्र में इस तरह रीढ़ की हड्ड‍ियों को दफनाया है. 

LIVE TV

Trending news