Ram Setu History: राम सेतु मूवी 25 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है और दर्शक इसे देखने के लिए काफी उत्सुक भी हैं, पर क्या आप राम सेतु का इतिहास जानते हैं? आज हम आपको राम सेतु के इतिहास के बारे में बताएंगे और साथ में इस बारे में भी बताएंगे कि राम सेतु बनाते समय पानी में पत्थर क्यों नहीं डूबे.
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Science Behind Ram Setu: राम सेतु का ट्रेलर आ चुका है. यह फिल्म 25 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है. फिल्म का ट्रेलर राम सेतु के अस्तित्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इर्द-गिर्द घूमता है, बाकि फिल्मों से हटकर इसमें कोई काल्पनिक प्लॉट नहीं है. मूवी में दिखाए गए दृश्य बहुत सुंदर है और डॉयलाग भी एक से बढ़कर एक हैं. फिल्म का ट्रेलर इस लाइन पर खत्म होता है कि भगवान राम के कई मंदिर हैं पर सेतु सिर्फ एक है तो आइए जानते हैं कि राम सेतु का क्या इतिहास है और राम सेतु बनाते समय पत्थर डूबते क्यों नहीं थे.
राम सेतु का इतिहास
राम सेतु के बारे में सबसे पहले वाल्मीकि द्वारा रामायण में बताया गया था. ऐसा मानते हैं कि इस पुल का निर्माण भगवान राम की वानर सेना ने नल के निर्देश पर किया था. इस पुल को इसलिए बनाया गया था, ताकि भगवान राम अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए लंका जा सकें. पुल को तैरते हुए पत्थरों का इस्तेमाल करके बनाया गया था. मान्यता है कि इन पत्थरों पर भगवान राम का नाम लिखा हुआ था, जिसके कारण ये डूबते नहीं थे.
पत्थरों के न डूबने के पीछे का साइंस
साइंटिस्टों का मानना है कि राम सेतु के पुल को बनाने के लिए प्यूमाइस स्टोन का यूज किया गया था, जो पानी में नहीं डूबते हैं, लेकिन राम सेतु के पत्थरों पर एक और शोध हुआ है, जिसमें प्यूमाइस स्टोन के सिद्धांत को गलत साबित कर दिया गया है. उनका ऐसा मानना है कि प्यूमाइस स्टोन पानी में नहीं डूबते हैं और पानी के ऊपर ही तैरते रहते हैं. ये स्टोन ज्वालामुखी के लावे से बनते हैं पर रामेश्वरम में या उसके आसपास कोई भी ज्वालामुखी नहीं है.
कौन सी चीज पानी में तैरती है?
पानी में हर तरह की चीजें तैर सकती है, चाहें उनका कोई भी शेप हो. पानी में गोल, फ्लैट, सॉलिड किसी भी आकार का ऑब्जेक्ट तैर सकता है. आखिर हम इस बात के बारे में कैसे पता कर सकते हैं कि कौन सी चीज पानी में तैरेगी या नहीं. पानी में जब भी कोई चीज जाती है तो सबसे पहले वो पानी में अपने लिए जगह बनाती है. इसके लिए वो अपने बराबर वॉल्यूम के पानी को विस्थापित करती है. जब पानी में कोई चीज जाती है तो उस पर दो तरह के फोर्सेस लगते हैं, पहला ग्रैविटी फोर्स नीचे की ओर और दूसरा force of buoyancy ऊपर की ओर लगता है. पानी में जाने पर अगर कोई चीज अपने भार के बराबर पानी विस्थापित करती है तो वह पानी में तैरती है, पर अगर किसी चीज का भार विस्थापित हुए पानी से ज्यादा है तो वह डूब जाती है.
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