Earth and Mars: एकदम धरती की तरह है इस ग्रह की 'मिट्टी', पहले दिखते भी थे एक समान
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Earth and Mars: एकदम धरती की तरह है इस ग्रह की 'मिट्टी', पहले दिखते भी थे एक समान

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक समय पर मंगल (Mars) ग्रह, बिल्कुल पृथ्वी (Earth) की तरह था. ये दोनों ग्रह एक ही तरह की 'सामग्री' से बने हैं.

Image Credit: NASA

वॉशिंगटन: मंगल (Mars) ग्रह पर लगातार जीवन की खोज कर रहे वैज्ञानिकों का दावा है कि अरबों साल पहले पृथ्वी (Earth) और मंगल (Mars) ग्रह बिल्कुल एक जैसे नजर आते थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि एक समय पर मंगल (Mars) ग्रह बिल्कुल पृथ्वी (Earth) की तरह था और ये दोनों ग्रह एक ही तरह की 'सामग्री' से बने हैं.

  1. मंगल ग्रह पर पाई गई एक प्राचीन झील में जीवन के निशान मिल सकते हैं.
  2. Jezero क्रेटर 3.7 बिलियन साल पहले एक झील थी.
  3. नासा के Perseverance रोवर ने इसकी तस्वीरें ली हैं.
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एक ही 'मिट्टी' से बने हैं दोनों ग्रह

एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. बेकी मैककौली रेंच ने एक यूट्यूब वीडियो में कहा कि मंगल ग्रह पृथ्वी की तरह ही था. ऐसे सबूत मिले हैं जो दिखाते हैं कि लाल ग्रह पर झीलें और धाराएं मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि चार बिलियन साल पहले जब सोलर सिस्टम बना था, तब मंगल और पृथ्वी एक ही तरह की 'सामग्री' से बने थे और ये दोनों दिखने में एक जैसे लगते थे.

मंगल पर पानी की खोज

आज मंगल एक 'सूखा ग्रह' है, जबकि पृथ्वी एक नीला ग्रह है. पृथ्वी पर 70 फीसदी पानी मौजूद है.  हालांकि हाल में की गई खोज में मंगल पर भी झीलों और धाराओं के सबूत मिले हैं. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, मंगल पर आज भी पानी ठोस अवस्था में मौजूद है. वैज्ञानिक ग्रह के ठंडे और बर्फ वाले हिस्सों की जांच कर रहे हैं. डॉ. रेंच ने कहा कि मंगल के बारे में स्टडी पृथ्वी के विकास को लेकर हमारी समझ को बढ़ा सकती है. 

प्राचीन झील में जीवन के निशान

नासा ने अपनी एक स्टडी में पुष्टि की है कि मंगल ग्रह पर पाई गई एक प्राचीन झील में जीवन के निशान मिल सकते हैं. नासा के Perseverance रोवर ने इसकी तस्वीरें ली हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि Jezero क्रेटर 3.7 बिलियन साल पहले एक झील थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन की वजह से ये झील सूख गई. वैज्ञानिकों के मुताबिक, क्रेटर की मिट्टी में अभी भी प्राचीन जीवन के निशान मौजूद हो सकते हैं.

दोनों ग्रहों पर जीवन को लेकर डॉ रेंच ने कहा कि पृथ्वी प्लेट टेक्टोनिक्स के साथ विकसित होती रही और ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति हुई. वहीं मंगल की भूवैज्ञानिक गतिविधियां थम गईं, धीरे-धीरे पानी खत्म हो गया और ग्रह पूरी तरह सूख गया.

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