Saturn Rings: शनि का 'संकट', ये कोई रिलीजन की स्‍टोरी नहीं; पूरी तरह से मामला है साइंटिफिक
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Saturn Rings: शनि का 'संकट', ये कोई रिलीजन की स्‍टोरी नहीं; पूरी तरह से मामला है साइंटिफिक

Saturn Planet: हमारे सौर मंडल में कुल 9 ग्रह हैं जिनमें से शनि एक है. शनि ग्रह को उसके छल्ले दूसरे ग्रहों से अलग कर देते हैं. लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक यह छल्ले 2025 में गायब हो जाएंगे. हालांकि इसमें कुछ पेंच भी है.

Saturn Rings: शनि का 'संकट', ये कोई रिलीजन की स्‍टोरी नहीं; पूरी तरह से मामला है साइंटिफिक

Saturn Planet News: शनि ग्रह के बारे कहा जाता है कि वो एक क्रूर ग्रह है. उसकी अपनी कुछ खासियत है जो उसे दूसरे ग्रहों से अलग करती है. सौर मंडल में सूर्य से यह छठा ग्रह है. इस ग्रह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके चारों कर छल्ले हैं जो इसे घेरे हुए हैं. अब इन्हीं छल्लों के बारे में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये छल्ले 2025 में गायब हो जाएंगे. अब यहां सवाल यह है कि इनके गायब होने का आशय क्या है. क्या ये छल्ले अपमा अस्तित्व खो देंगे, या इनका अस्तित्व बना रहेगा.

9 डिग्री पर झुका है शनि
शनि ग्रह अपने अक्ष पर 9 डिग्री झुका हुआ है, 2024 तक इसके झुकाव में कमी होगी और उसकी वजह से ऐसा लगने लगा कि शनि के चारों तरफ जो छल्ले हैं वो गायब हो गए हैं. 2025 में शनि और धरती के बीच की दूरी और बढ़ जाएगी. और इसकी वजह से रिंग वर्टिकल पोजीशन में नजर आएंगे. इस तरह से जब आर टेलीस्कोप के जरिए जब शनि को देखेंगे तो ऐसा लगेगा कि पेपर की कोई शीट खड़ी कर दी गई हो यानी कि वो दीवार की तरह लगेंगे. लेकिन इसका एक बड़ा फायदा यह होगा कि हम उन छल्लों के अंदर वाले हिस्से को भी देख सकने में कामयाब होंगे.

इन चीजों से बने हैं छल्ले
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि यह छल्ले कैसे बने. सामान्य धारणा है कि हमारे सौर मंडल का निर्माण 4.6 बिलियन साल पहले हुआ था. लेकिन अमेरिकन स्पेस एजेंसी के मुताबिक शनि के चारों तरफ जो छल्ले बने हुए हैं वो नए हैं, जब हम नया कहते हैं कि तो इसका अर्थ यह नहीं कि शनि के चारों तरफ नजर आने वाले छल्ले 2, 4 और हजार साल पहने के हैं. इसकी भी उम्र बिलियन में ना सही मिलियन में है. नासा के मुताबिक शनि के चारों तरफ नजर आने वाले छल्ले धूमकेतु और एस्टेरॉयड से मिलकर बने हुए हैं. इनमें करोड़ों की संख्या में बर्फ और चट्टानों के टुकड़े हैं जो धूल से सने हैं, यही नहीं ये छल्ले शनि ग्रह से करीब दो लाख 82 हजार किमी तक फैसले हुए हैं. छल्लों के बीच की दूरी करीब 30 फीट है.

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