Solar storm: अंतरिक्ष के मौसम पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूरज की सतह पर हो रहे बदलाव के कारण पृथ्वी से बड़ा सौर तूफान टकरा सकता है.
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वॉशिंगटन: नासा (NASA) की सोलर डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी ने सूर्य के बाहरी वातावरण जिसे कोरोना कहा जाता है, इसमें एक बड़े 'कोरोनल होल' का पता लगाया है. सूरज के दक्षिणी क्षेत्र में खुले इस होल से आवेशित कणों की एक धारा निकल रही है. ये धरती के वायुमंडल से टकरा सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूरज की सतह पर हो रहे बदलाव के कारण पृथ्वी से बड़ा सौर तूफान टकरा सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य की सतह यानी कोरोना पर एक छेद देखा गया है. इस छेद से लगातार आवेशित कणों की बौछार हो रही है. इन कणों के पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने की संभावना है.
स्पेसवेदर की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी वजह से पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में कुछ मामूली भू-चुंबकीय हलचल हो सकती है. पृथ्वी की ओर बढ़ने वाली धारा से ध्रुवीय क्षेत्रों में अरोरा प्रभाव उत्पन्न हो सकता है. इससे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के आसमान में हरे रंग की रोशनी देखने को मिल सकती है.
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के एक प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर बिल मुर्तघ ने बताया कि पिछले कई वर्षों में हमने सूरज में काफी कम हलचल देखी है. ऐसा अधिकतर सोलर मिनिमम के दौरान ही होता है, लेकिन अब हम सोलर मैक्सिमम की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. ये साल 2025 में सबसे अधिक तेज होगा.
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सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गर्म हो सकता है जिसका सीधा असर सैटेलाइट्स पर पड़ सकता है. इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटेलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है. पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं. हालांकि आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि, धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है.