Winter Solstice : दिसंबर में इस दिन होती है सबसे लंबी रात, इसके बाद फिर असली ठंड की शुरुआत
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Winter Solstice : दिसंबर में इस दिन होती है सबसे लंबी रात, इसके बाद फिर असली ठंड की शुरुआत

Longest Night Of 2023: 21 दिसंबर 2023 को साल की सबसे लंबी रात होती है. ये रात 16 घंटे की होती है. इसे विंटर सोल्सटिस( Winter Solstice) कहते है. इस दिन यानी 21 दिसंबर को पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.4 डिग्री सबसे ज्यादा झुकी हुई होती है. इसलिए ये दिन भौगोलिक संरचना और मान्यताओं के लिहाज से भी खास होता है.

Winter Solstice : दिसंबर में इस दिन होती है सबसे लंबी रात, इसके बाद फिर असली ठंड की शुरुआत

Longest Night Of Year: 21 दिसंबर 2023 की नाइट यानी आज की रात 16 घंटे की होने वाली है. ये रात साल की सबसे लंबी रात होगी. इसे विंटर सोल्सटिस( Winter Solstice) कहते है. सोल्सटिस एक घटना को कहते हैं जो भौगोलिक घटनाओं की वजह से साल में दो बार घटता है, एक 21 जून को और दूसरा 21 दिसंबर को. इस दिन की खासियत है कि 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है और 21 दिसंबर को सबसे बड़ी रात होती है. 

सोल्सटिस का मतलब
आपको बता दें कि सोल्सटिस(Solstice) वर्ड लैटिन लैंग्वेज से लिया गया है और इसका शब्द का मतलब है सूर्य अभी स्थिर है. ऐसा इसलिए क्योंकि सोल्सटिस के समय सूर्य जब अपनी दिशा की ओर बदलता है और उत्तर या दक्षिण की तरफ जाता है उससे पहले थोड़े समय के लिए स्थिर हो जाता है.

क्यों खास है ये दिन?
21 दिसंबर वो दिन होता है जब सूर्य की किरणें बहुत कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती हैं. इस दिन के बाद ठंड बढ़ने लगती है. भौगोलिक संरचनाओं की वजह से धरती आज के दिन के लिए सूर्य से ज्यादा दूर होता है. सूर्य की रोशनी का धरती पर समय, साल के अलग महीनों में बदलता रहता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी जिस एक्सीस पर घूमती है वो 23.4 डिग्री झुकी हुई है. 

इस दिन यानी 21 दिसंबर को पृथ्वी अपने अक्ष पर सबसे ज्यादा झुकी हुई होती है. इस झुकाव के कारण उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ती हैं. जिसकी वजह से उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है. इस दिन को विज्ञान की भाषा में शीतकाल संक्रांति या अर्कटिक सर्दियों की संक्रांति भी कहा जाता है.

साल के खास दिनों के पीछे का विज्ञान- 
21 दिसंबर के बाद पृथ्वी का अक्ष(Axis) उत्तर की ओर झुकने लगता है. इससे उत्तरी गोलार्ध में धीरे-धीरे लंबे दिन और रातें धीरे-धीरे छोटी होने लगती हैं.
21 मार्च को पृथ्वी का अक्ष अपने सबसे सीधे स्थिति में हो जाता है. इसलिए इस दिन उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में दिन और रात बराबर होते हैं.
21 जून को पृथ्वी का अक्ष दक्षिण की ओर झुक जाता है. इस वजह से उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती है.

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