डियर जिंदगी : `हरी, सेल्समैन ऑफ द ईयर` और सरलता की कहानी...
आप अब तक जिंदगी में कितने सेल्समैन से मिले होंगे. मुश्किल सवाल है, शायद ही किसी को याद हो. आए दिन हम कितने ही सेल्समैन से मिलते रहते हैं. मिलते क्या रहते हैं, अक्सर उनसे पीछा छुड़ने की फिराक में रहते हैं. किसी तरह से उनसे भागने की कोशिश में रहते हैं.
आप अब तक जिंदगी में कितने सेल्समैन से मिले होंगे. मुश्किल सवाल है, शायद ही किसी को याद हो. आए दिन हम कितने ही सेल्समैन से मिलते रहते हैं. मिलते क्या रहते हैं, अक्सर उनसे पीछा छुड़ने की फिराक में रहते हैं. किसी तरह से उनसे भागने की कोशिश में रहते हैं.
सेल्समैन का जिक्र होते ही एक फिल्म की याद भी आती है, 'रॉकेट सिंह, सेल्समैन ऑफ द ईयर'. यह फिल्म बड़ी सरलता से बताती है कि कामयाबी के लिए झूठ, फरेब के मकड़जाल की जरूरतें नहीं होती हैं. एकसिस्टम बन गया है, जहां ऐसे लोग सफल हो रहे हैं, जो आंकड़ों के साथ खेलते रहते हैं, लेकिन आखिर में उन पर वही भारी पड़ते हैं, जो सरलता, सच्चाई और ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं.
गुरुवार को देर शाम मैं एक ऐसे ही 'सेल्समैन' हरी से कई महीने बाद मिला. पहले जब भी मिलता तो उनकी सरलता और प्रोडक्ट को ईमानदारी के साथ पेश करने की अदा की सराहना करता. कभी-कभी कभार वह उदास दिखते तो खरीदारी के बीच थोड़ी सी गपशप हो जाती.
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मुझे हमेशा लगता कि हरी को उनका मैनेजमेंट बहुत भाव नहीं देता. जबकि हरी के कारण उस फुटवेयर शॉप पर ग्राहक काफी संख्या में आते थे. मुझे लगता है कि शायद हरी की प्रतिभा के बारे में मैं ही ज्यादा सोच रहा हूं, क्योंकि हरी हमेशा कहते, 'मैं केवल काम करता हूं, ईमानदारी से. मेरा काम अधिक से अधिक सामान बेचना है, लेकिन झूठ नहीं. जब किसी सामान की कोई खूबी है ही नहीं तो बता कैसे सकता हूं.'
हरी का असर हमारे परिवार पर यह रहा कि हमने दूसरों को उस दुकान के बारे में बताना शुरू कर दिया. जाहिर है, ऐसा दूसरे लोग भी करते होंगे, क्योंकि हरि की बातचीत और संवाद की शैली में साफगोई और सरलता का ऐसा मिश्रण है, जो बाज़ार में कहीं दिखता ही नहीं.
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हरी की सरलता को ऐसे समझिए कि केवल दस मिनट में वह आपको जूते-चप्पलों की तमाम खूबियों के साथ उसके गुण दोष सब बयां कर देते हैं. वह बड़ी सरलता से बता देंगे कि इसमें यह कमी है, इसलिए, भाईसाहब/भाभी जी, आपके लिए यह नहीं यह ज्यादा सही साबित होगा. आपको लगता है, अरे! यह महंगा होगा, इसलिए बता रहे हैं, लेकिन जैसे ही आप कीमत देखते हैं, सोच में पड़ जाते हैं, क्योंकि यह सामान तो पहले वाले से सस्ता है. यह कैसा सेल्समैन है.
लेकिन यही तो हरी भाई की कामयाबी का राज है. एक बार यहां आने वाला बार-बार आता है. इस तरह देखें तो 'डियर जिंदगी' का सरलता और स्नेह का फॉर्मूला मैनेजमेंट में भी उतने ही काम का है, जितना जिंदगी में.
तो लौटते हैं, मूल प्रसंग की ओर. इस बार जब हम हरी से मिले तो उनकी दुकान बदली हुई थी. हरि एकसाल से भी कम समय में ब्रांड बन चुके हैं. क्योंकि बाजार ने उनकी असल कीमत देर से ही सही पर अबजाकर पहचान ली है. पहले वाले मैनेजमेंट की तुलना में यहां उनको काम की अधिक आजादी और सम्मान मिल रहा है. हरि का असर इतना है कि दुकान के नाम से कहीं बड़ा पोस्टर- 'हरी, सेल्समैन ऑफ द ईयर' का है.
हरि की कहानी का संदेश बस इतना है कि 'सरलता और सच्चाई सुनने में जिनते सरल लगते हैं, असल जिंदगी में इनका उपयोग इतना ही दुर्लभ है. लेकिन जिसने इसे साध लिया. हर जगह उसके कद्रदान हमेशा रहेंगे.'
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(लेखक ज़ी न्यूज़ में डिजिटल एडिटर हैं)
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