डियर जिंदगी : आपका अनुभव क्या कहता है…
हम कई बार प्रयास करते हैं. बार-बार प्रयास करते हैं. यह हमारी कोशिश है, जो हमें अपनी अपनी मंजिलों की ओर जाने के लिए प्रेरित करती है, लेकिन इन कोशिशों के आधार पर जो कुछ हम हासिल करते हैं, वह सफलता से कहीं अधिक सीख होती है.
अनुभव एक ऐसी अद्भुत चीज है, जो हर किसी के पास अपना-अपना होता है, लेकिन हर किसीको वह हमेशा दूसरों से बेमिसाल लगता है. हर किसी को यह लगता है, जो अनुभव की पूंजी उसने हासिल कर ली है, जो कुछ उसके पास है, वह दुर्लभ है. मेरा विनम्र निवेदन केवल इतना है कि असल में हम अनुभव को ठीक से समझ नहीं पाते. हम अनुभव को जिंदगी में कई बार इस कदर दाएं-बाएं एंगल से समझते हैं कि हमेशा पूर्व अनुभवों से चिपके रहते हैं. जिंदगी अनुभव से सीखने का नाम जरूर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने सीमित अनुभवों के आधार पर अपने को असीमित अवसर से वंचित कर दें. यहां यह ध्यान देना भी जरूरी है कि प्रयास और अनुभव दोनों में बहुत बारीक अंतर होता है.
हम कई बार प्रयास करते हैं. बार-बार प्रयास करते हैं. यह हमारी कोशिश है, जो हमें अपनी अपनी मंजिलों की ओर जाने के लिए प्रेरित करती है, लेकिन इन कोशिशों के आधार पर जो कुछ हम हासिल करते हैं, वह सफलता से कहीं अधिक सीख होती है. इस सीख को संपूर्णता में अनुभव कहा जाना चाहिए. इसके साथ यह भी समझना जरूरी है कि अनुभव का सफलता से सीधा रिश्ता नहीं है.
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मेरे एक मित्र है. उनमें आईएएस में चुने जाने की सभी योग्यताएं हैं लेकिन वह उसके बाद भी नहीं चुने गए. लेकिन क्या इससे उनकी योग्यता कम हो गई जो इस परीक्षा के लिए आवश्यक है. नहीं, क्योंकि सफलता और असफलता का अनुभव से कोई सीधा संबंध नहीं है.
हां, होता बस इतना है कि सफलता हमारी योग्यता को सर्टिफिकेट दे देती है. वह व्याक्ति काबिल है. दूसरी ओर जो नियम कायदों के तहत जिंदगी में तयशुदा चीजें हासिल न कर पाता, हम अक्सर उसके अनुभव की अनदेखी करने लगते हैं. हमें लगता है, जरूर योग्यता, अनुभव में कुछ कमी रही होगी. वरना उसे सफलता मिलनी ही चाहिए थी.
मूल प्रश्न यह है कि हम अपने अनुभवों की रोशनी से जिंदगी को कैसे आगे ले जाते हैं. यह उन दिनों की बात है, जब मैं स्कूल में हुआ करता था. हमारे एक बेहद नजदीकी रिश्तेदार बड़े भैया थे. वह जहां जहां रहे, हमेशा सबसे आगे रहे. मोहल्ला, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी.
सब जगह उनके नाम का डंका था. मेरे जैसे उनके तमाम अनुज उनकी प्रतिभा के डर से सकपकाए रहते. कहीं उनसे सामना न हो जाए. घर, परिवार, समाज के वह हीरो थे.
वह परीक्षाओं में निरंतर सफल हो रहे थे. लेकिन जैसे ही करियर की दौड़ में असफल होना शुरू हुए जिंदगी की दौड़ में एकदम हाशिए पर चले गए.
इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि असफलता का अनुभव न होना, उनकी जिंदगी की शुरुआती सफलता पर भारी पड़ गया. क्योंकि उन्होंने हमेशा माना कि वह तो बस सफलता के लिए हैं, इसलिए जैसे नए अनुभव सामने आए, वह संभल नहीं पाए.
मुझे लगता है कि हर किसी को असफलता को सामान्य तरीके से स्वीकार करने का प्रशिक्षण मिलना चाहिए. असफल लेकिन अनुभवी लोगों का हमारे पास होना एक बड़ी मददगार बात है, बशर्ते सही भावना और संदर्भ में ऐसी पूंजी का उपयेाग किया जाए.
जब हम इस खास चश्मे से लोगों को देखने लगते हैं, तो असल में हम किसी और का नहीं, बल्कि अपना नुकसान कर रहे होते हैं. क्योंकि हम अपने आसपास के लोगों को इस आधार पर चुनने, संवाद करने लगते है कि वह ‘कितने’ सफल हैं. इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि योग्यता, अनुभव का सफलता से सीधा सरोकार नहीं है.
अनुभव वह नहीं है, जो हमारे साथ घटित होता है. अनुभव तो असल में वह है जो हम अपने साथहोने वाली घटनाओं से सीखते हैं. इसलिए अनुभव को लेकर सजगता, सरलता जरूरत है.
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(लेखक ज़ी न्यूज़ में डिजिटल एडिटर हैं)
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