केंद्रीय सूचना आयोग ने BCCI से कहा, गुहा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ग़ौर करने की कोशिश करें
Advertisement
trendingNow1329597

केंद्रीय सूचना आयोग ने BCCI से कहा, गुहा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ग़ौर करने की कोशिश करें

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने बीसीसीआई का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) से इतिहासविद् रामचंद्र गुहा द्वारा उठाये गये मुद्दों पर गौर करने को कहा. सीआईसी ने नौ जून को स्पष्ट किया था कि बीसीसीआई एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) है, लेकिन इसे आरटीआई अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण घोषित नहीं किया था.

इतिहासविद् रामचंद्र गुहा की फाइल फोटो.

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने बीसीसीआई का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) से इतिहासविद् रामचंद्र गुहा द्वारा उठाये गये मुद्दों पर गौर करने को कहा. सीआईसी ने नौ जून को स्पष्ट किया था कि बीसीसीआई एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) है, लेकिन इसे आरटीआई अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण घोषित नहीं किया था.

सीआईसी ने यह टिप्पणी आरटीआई आवेदनकर्ता की सुनवाई के दौरान की, जिसने खेल मंत्रालय से जानकारी मांगी थी कि तमिलनाडु सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत बीसीसीआई किस प्रावधान के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये भारतीय टीम का चयन करता है. आवेदक ओमप्रकाश काशीराम को मंत्रालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने आयोग से अपील की.

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा, ‘‘सीओए ने तुंरत प्रभाव से भार संभाला और बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के साथ संपर्क शुरू किया जो बोर्ड के दैनिक प्रशासन के प्रभारी हैं. इसका मतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के जरिये बीसीसीआई का प्रशासन संभाला इसलिये बीसीसीआई और इसका सीओए लोक प्राधिकरण और जवाबदेह बन गया.’’ 

आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित मामले की वजह से इसे आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत नहीं रखा. इसने खेल मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह आवेदक को बीसीसीआई को आरटीआई अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण घोषित करने के लिये बिल लाने की प्रक्रिया में तेजी और उचित कानूनी कदम अपनाने के प्रयास की जानकारी दें. इसने प्रशासकों की समिति को भी अपने कार्यों में पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया.

Trending news