क्रिकेट की जान टेस्ट फॉर्मेट रहा है. इस फॉर्मेट से ही क्रिकेट जैसे शानदार खेल की शुरुआत हुई थी. इन दिनों टेस्ट क्रिकेट की काया पूरी तरह बदल चुकी है. अब टेस्ट बैजबॉल में तब्दील हो चुका है. कभी इस फॉर्मेट में बल्लेबाज गेंद डिफेंड करते थे और अब छक्का मारने से नहीं चूकते. हम आपको ऐसे 5 गेंदबाज बताने जा रहे हैं जिन्होंने इस फॉर्मेट में कभी छक्का नहीं खाया.
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Test Records: क्रिकेट की जान टेस्ट फॉर्मेट रहा है. इस फॉर्मेट से ही क्रिकेट जैसे शानदार खेल की शुरुआत हुई थी. इन दिनों टेस्ट क्रिकेट की काया पूरी तरह बदल चुकी है. अब टेस्ट बैजबॉल में तब्दील हो चुका है. कभी इस फॉर्मेट में बल्लेबाज गेंद डिफेंड करते थे और अब छक्का मारने से नहीं चूकते. हम आपको ऐसे 5 गेंदबाज बताने जा रहे हैं जिन्होंने इस फॉर्मेट में कभी छक्का नहीं खाया. इस लिस्ट में दो पाकिस्तानी गेंदबाज भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने करियर में बल्लेबाजों को छक्का मारने के लिए तरसा दिया.
मुदस्सर नजर (Mudassar Nazar): मुदस्सर पाकिस्तान के एक बेहतरीन ऑलराउंडर थे. वह सलामी बल्लेबाज और तेज गेंदबाज रहे. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 1976-89 तक 76 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 5967 गेंदें फेंकी और 66 विकेट भी झटके. लेकिन कभी भी इन्होंने छक्का नहीं खाया.
महमूद हुसैन (Mahmood Hussain): महमूद हुसैन पाकिस्तान के तेज गेंदबाज थे. उन्होंने 1952 में भारत के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 27 टेस्ट खेले और 68 विकेट हासिल किए थे. उन्होंने टेस्ट करियर में 5910 गेंदे फेंकी लेकिन कभी भी इस फॉर्मेट में छक्का नहीं खाया.
कीथ मिलर (Keith Miller): लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के इस महान ऑलराउंडर कीथ मिलर भी शामिल हैं. 1946 में टेस्ट डेब्यू करने वाले मिलर ने करियर में 55 टेस्ट मैच खेले जिसमें 170 विकेट झटके. अपने टेस्ट करियर में इन्होंने 10461 गेंदें फेंकी लेकिन एक बार भी छक्का नहीं खाया.
नील हॉक (Neil Hawke): ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज नील हॉक ने 1963 अपना टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने अपने करियर में 27 टेस्ट मैच खेले जिसमे उनके नाम 91 विकेट दर्ज हैं. उन्होंने करियर में 6987 गेंदे फेंकी लेकिन एक भी छक्का नहीं खाया.
डेरेक प्रिंगल (Derek Pringle): लिस्ट में इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज ने डेरेक प्रिंगल ने 30 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 70 विकेट हासिल किए. इन्होंने भी 5 हजार से ज्यादा गेंदे फेंकी लेकिन कोई भी बल्लेबाज इनपर छक्का नहीं लगा सका.