लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत के बाद देशभर में चीन की कंपनी का विरोध जारी है, IPL का टाइटल स्पॉन्सरशिप एक चाइनीज कंपनी को मिला है.
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नई दिल्ली: भारतीय सेना की 20 जवानों की शहादत के बाद देशभर में चीन की कंपनियों का विरोध जारी है, इसको देखते हुए बीसीसीआई (BCCI) भी हरकत में आ गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अगले हफ्ते एक मीटिंग करने का फैसला किया है जिसमें आईपीएल की स्पॉन्सरशिप की समीक्षा की जाएगी. बीसीसीआई और आईपीएल (IPL) के साथ कई चाइनीज कंपनियों की स्पॉनसरशिप है, जिसमें चीन की मोबाइल कंपनी वीवो (VIVO) प्रमुख है. वीवो आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर है जिसका सालाना करार 440 करोड़ रुपये का है.
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आईपीएल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि, सरहद पर तनाव का संज्ञान लेते हुए और हमारे दिलेर जवानों की शाहदत को देखते हुए, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने अगले हफ्ते मीटिंग बुलाने का फैसला किया है, जिसमें आईपीएल की स्पॉन्सरशिप डील को लेकर समीक्षा की जाएगी.
Taking note of the border skirmish that resulted in the martyrdom of our brave jawans, the IPL Governing Council has convened a meeting next week to review IPL’s various sponsorship deals
— IndianPremierLeague (@IPL) June 19, 2020
इससे पहले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल (Arun Dhumal) ने कहा था कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं . आईपीएल (IPL) के मौजूदा टाइटल प्रायोजक वीवो (VIVO) से करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है. वीवो के साथ आईपीएल का 5 साल का करार है जो 2022 में खत्म होगा.