इंग्लैंड क्रिकेट टीम का एक घातक बल्लेबाज ऐसा भी रहा है, जो पिच पर अपनी धुआंधार बैटिंग से गुंडागर्दी करता था. इस धाकड़ बल्लेबाज की बैटिंग देख विरोधी टीम के गेंदबाज भी रहम की दुआ मांगते हुए नजर आते थे. अपने अड़ियल चरित्र के लिए मशहूर इंग्लैंड के महान बल्लेबाज ज्योफ्री बायकॉट आज अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं.
Trending Photos
इंग्लैंड क्रिकेट टीम का एक घातक बल्लेबाज ऐसा भी रहा है, जो पिच पर अपनी धुआंधार बैटिंग से गुंडागर्दी करता था. इस धाकड़ बल्लेबाज की बैटिंग देख विरोधी टीम के गेंदबाज भी रहम की दुआ मांगते हुए नजर आते थे. अपने अड़ियल चरित्र के लिए मशहूर इंग्लैंड के महान बल्लेबाज ज्योफ्री बायकॉट आज अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 151 शतक जड़ने वाले ज्योफ्री बायकॉट इंग्लैंड के लिए 108 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. ज्योफ्री बायकॉट इंग्लैंड क्रिकेट टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं.
246 रन बनाने के बावजूद टीम से किया गया बाहर
एक बार साल 1967 में हेडिंग्ले टेस्ट में भारत के खिलाफ 555 गेंदों में 246 रन बनाने के बाद ज्योफ्री बायकॉट को सजा के तौर पर अगले टेस्ट से बाहर कर दिया गया था. ऐसी इसलिए किया गया क्योंकि ज्योफ्री बायकॉट की इस पारी को काफी धीमा माना गया था. ज्योफ्री बायकॉट तकनीकी रूप से बेहतरीन बल्लेबाज रहे हैं. ज्योफ्री बायकॉट के करियर का सबसे शानदार पल 1977 में आया, जब उन्होंने हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में अपने घरेलू मैदान पर 100वां फर्स्ट क्लास शतक पूरा किया था. ज्योफ्री बायकॉट अब एक सफल टेलीविजन कमेंटेटर हैं.
आखिरी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ खेला
ज्योफ्री बायकॉट का इंटरनेशनल करियर लगभग 18 साल तक चला. ज्योफ्री बायकॉट ने अपना पहला टेस्ट मैच 1964 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इस दिग्गज बल्लेबाज ने जनवरी 1982 में अपना आखिरी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ खेला था. बायकॉट के करियर कई बार विवादों में रहा. शुरुआत से ही उन्होंने अपनी सबको अपनी बल्लेबाजी का कायल बना लिया और लंबे समय तक इंग्लैंड के लिए सलामी बल्लेबाजी की. ज्योफ्री बायकॉट का जन्म 21 अक्टूबर 1940 को यार्कशायर के वेस्ट रिजिंग के फिट्सविलियम में हुआ था. ज्योफ्री बायकॉट के पिता कोयले की खान में काम करते थे. तीन भाइयों में वे सबसे बड़े थे. स्कूल के दिनों से ही ज्योफ्री बायकॉट ने सभी को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का ही कायल बना दिया था. 15 साल की उम्र में ज्योफ्री बायकॉट ने अपने स्कूल टीम की कप्तानी भी की थी. 1962 में काउंटी क्रिकेट खेलने के बाद ज्योफ्री बायकॉट ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
टेस्ट क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड्स
ज्योफ्री बायकॉट ने 108 टेस्ट मैचों की 193 पारियों में 47.73 की औसत से 8114 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 42 अर्धशतक निकले. ज्योफ्री बायकॉट का टेस्ट क्रिकेट में बेस्ट स्कोर नाबाद 246 रन रहा है. ज्योफ्री बायकॉट 23 बार टेस्ट क्रिकेट में नॉट आउट रहे हैं. ज्योफ्री बायकॉट ने इंग्लैंड के लिए 36 वनडे मैचों में 36.07 की औसत से 1082 रन बनाए हैं. ज्योफ्री बायकॉट ने वनडे मैचों में 1 शतक और 9 अर्धशतक ठोके हैं. इसके अलावा ज्योफ्री बायकॉट ने गेंदबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में 7 विकेट झटके. वहीं, वनडे में उन्होंने 5 विकेट चटकाए.
3 साल तक क्रिकेट से ब्रेक लिया और फिर वापसी की
ज्योफ्री बायकॉट ने 1974 से लेकर 1977 तक क्रिकेट से 3 साल लंबा ब्रेक लिया था. ज्योफ्री बायकॉट का तब क्रिकेट से मन उचट गया था. ज्योफ्री बायकॉट की जीवनी लिखने वाले मैकिंस्ट्रे का मानना था कि उनके क्रिकेट से दूर होने की वजह माइक डेनिस और टोनी ग्रेग की कप्तानी भी थी. ज्योफ्री बायकॉट अपने खेल के दिनों में माइक डेनिस और टोनी ग्रेग के मुखर आलोचक रहे थे. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि ज्योफ्री बायकॉट उस समय के ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली और जेफ थामसन के खौफ के कारण क्रिकेट से दूर हुए थे. लेकिन साल 1979 में ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने इन दोनों ही गेंदबाजों का बेखौफ होकर सामना किया था और पर्थ जैसी तेज पिच पर नाबाद 99 रन बनाए थे.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 151 शतक और 48426 रन
ज्योफ्री बायकॉट का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बहुत बेहतरीन रिकॉर्ड था. फर्स्ट क्लास क्रिकेट के रिकॉर्ड्स बताते हैं कि ज्योफ्री बायकॉट कितने खतरनाक बल्लेबाज थे. ज्योफ्री बायकॉट ने 609 फर्स्ट क्लास मैचों में 56.83 की औसत से 48426 रन बनाए. ज्योफ्री बायकॉट ने इस दौरान 151 शतक और 238 अर्धशतक ठोके हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ज्योफ्री बायकॉट का बेस्ट स्कोर नाबाद 261 रन है.