भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुए तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच की दूसरी पारी में अचानक सफेद कीड़ों ने हमला बोल दिया, जिसके चलते कुछ देर तक खेल को रोकना पड़ा. आइए जानते हैं इनके बारे में. ये भी जानते हैं कि क्या यह इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
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IND vs SA 3rd T20: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सीरीज के तीसरा टी20 इंटरनेशनल मैच सेंचुरियन के लिए सुपरस्पोर्ट पार्क में खेला गया. इस रोमांचक मुकाबले को सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में खेल रही भारतीय टीम ने 11 रन से जीता और सीरीज में 2-1 से बढ़त भी बना ली. मैच के दौरान एक ऐसा वाकया हुआ, जिसकी वजह से खेल को कुछ मिनटों तक रोककर रखना पड़ा. दरअसल, साउथ अफ्रीका की बैटिंग के दौरान अचानक से सफेद कीड़ों ने मैदान पर धावा बोल दिया, जिसके बाद खेल को तुरंत रोक दिया गया. आइए जानते हैं इन्ही कीड़ों के बारे में कि आखिर ये कौन हैं और क्या इंसानों को खतरा पहुंचा सकते हैं?
कुछ देर तक रुका रहा मैच
भारत से मिले 220 रन के टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की बैटिंग शुरू हुई. पहला ओवर तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने किया. इस ओवर के खत्म होते ही मैदान पर सफेद कीड़ों ने अचानक धावा बोल दिया. उनकी तादाद इतनी थी कि एक भी गेंद फेंक पाना संभव नहीं था. यह होता देख अंपायर्स ने मैच को रोकने का फैसला किया. हालांकि, फिर 15 मिनट बाद दोबारा मैच शुरू हुआ.
कौन हैं ये सफेद कीड़े?
दरअसल, भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुए मैच में मैदान पर आईं सफेद कीड़े वास्तव में टर्माइट्स (Termite) होती हैं. ये छोटे, सफेद, उड़ने वाले कीड़े होते हैं, जो मिट्टी में रहते हैं और लकड़ी या अन्य चीजों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. टर्माइट्स आमतौर पर बारिश के मौसम में सक्रिय होते हैं और अपने उड़ने वाले रूप में दिखाई देते हैं. वे लाइट की ओर अट्रैक्ट होते हैं और अक्सर रात में उड़ते हुए दिखाई देते हैं. मैच के दौरान मैदान पर आईं टर्माइट्स फ्लडलाइट्स की ओर आकर्षित होकर वहां आईं होंगी.
क्या इंसानों को काट सकते हैं ये कीड़े?
ये कीड़े इंसानों को कोई क्षति नहीं पहुंचाते हैं. वे वास्तव में मनुष्यों को काटने में रुचि नहीं रखते हैं. हालांकि, Hillsoafrica.com ब्लॉग के अनुसार, पंख वाले ये दीमक स्वयं प्रोटीन और फैट का एक मूल्यवान सोर्स हैं. वास्तव में दीमक अपने वजन के बराबर वजन के रम्प स्टीक की तुलना में प्रोटीन का काफी अधिक सोर्स हैं. 'माइग्रेशन के दौरान उड़ान भरने पर दीमकों को इकट्ठा किया जाता है. विभिन्न समुदायों में दीमकों को इकट्ठा करने और कभी-कभी पालने के अलग-अलग तरीके होते हैं.'