IND vs SL: खुद टीम से बाहर रहकर ये खिलाड़ी कर रहा था Yuzvendra Chahal की मदद, बुरे समय में ऐसे दिया साथ
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IND vs SL: खुद टीम से बाहर रहकर ये खिलाड़ी कर रहा था Yuzvendra Chahal की मदद, बुरे समय में ऐसे दिया साथ

IND vs SL: युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने बताया कि जब वो खराब फॉर्म से जूझ रहे थे तो जयंत यादव (Jayant Yadav) ने उनकी काफी मदद की. इसके अलावा टीम के कोचों ने भी उन्हें फॉर्म हासिल करने में काफी साथ दिया. 

फोटो (BCCI)

नई दिल्ली: भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने कहा है कि उन्होंने फॉर्म वापस हासिल करने के लिए कोचों और जयंत यादव (Jayant Yadav) के साथ काम किया था. भारत और श्रीलंका के बीच रविवार को खेले गए पहले टी20 मुकाबले मे भारतीय टीम के लेग स्पिनर चहल ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई और टीम में अपनी जगह बरकरार रखने में कामयाब रहे.

  1. इस खिलाड़ी ने चहल की बहुत मदद की
  2. खुद टीम से है लगातार बाहर 
  3. चहल ने किया खुलासा 
  4.  

अच्छी फॉर्म में नहीं थे चहल

31 वर्षीय चहल ने चार ओवर में 19 रन देकर एक विकेट लिया और श्रीलंकाई पारी को बीच के ओवरों में रोक कर रखा, हालंकि पिछले कुछ मैचों में वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे. चहल ने मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, मेरा काम बीच के ओवरों में खेल को नियंत्रित करना है और मै बहुत खुश हूं कि मैंने ऐसा किया. मैंने खेल को बीच के ओवरों में नियंत्रित किया और ज्यादा कुछ प्रयास करने के बारे में नहीं सोचा.

बेंच स्ट्रेंथ को देख खुश हैं चहल

चहल ने आगे बात करते हुए कहा, अगर बेंच स्ट्रेंथ इतनी अच्छी है और आपके पास एक मजबूत खिलाड़ियों का पूल है, जिससे गुणवत्ता आती है. अगर आप स्पिनरों की बात करते हैं, तो वे सभी अच्छा कर रहे हैं और आप जानते हैं कि आपके पीछे ऐसे खिलाड़ी हैं जो पहले से ही आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर है. जब भी मैं खेलता हूं, मुझे प्रदर्शन करना चाहिए. यदि आप प्रदर्शन करते हैं, तभी आप खेलते हैं. अगर आप प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो कोई भी हो, आप टीम में नहीं रह सकते हैं, इसलिए मैं ज्यादा नहीं सोंचता हूं, मेरे जो भी लक्ष्य है, मैं उसी पर ध्यान केंद्रित करता हूं.

जयंत यादव ने की मदद

लेग स्पिनर ने कहा, लॉकडाउन में मैंने कोचों से बात की. मुझे ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत नहीं थी. मुझे बस लाइन पर ध्यान देना था, इसलिए मैं भरत अरुण सर के साथ बैठा, पारस म्हाब्रे सर से बात की और फिर मैंने खुद पर भरोसा रखा. चहल ने कहा, मैंने जयंत के साथ अभ्यास किया, हम बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, इसलिए मैंने उनसे भी बात की. मैंने उन्हें गेंदबाजी भी की और फिर वहां से मेरे लिए चीजें आसान होना शुरू हुईं. मुझे लगता है कि जितना मैं अपने गेंदबाजी पर भरोसा करुंगा, मैं उतना ही बेहतर कर पाऊंगा.

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