मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने हाल ही में टेस्ट टीम में वापसी की और शतक लगाकर धमाल मचा दिया, लेकिन वो दक्षिण अफ्रीकी टूर (South Africa Tour) पर ज्यादा कामयाब नहीं हो पाए.
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नई दिल्ली: मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) का टेस्ट रिकॉर्ड भारतीय सरजमीं पर शानदार रहा है, लेकिन विदेशी धरती पर वो फ्लॉप नजर आते हैं, यही वजह है कि इस इंडियन ओपनर की अक्सर आलोचना की जाती है.
दक्षिण अफ्रीकी टूर (South Africa Tour) की बात करें तो मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने 3 टेस्ट मैचों की 6 पारियों में 22.50 की औसत से महज 135 रन ही बना पाए. इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 60 रन रहा जो उन्होंने सेंचुरियन के मैदान में बनाया था.
अगर हम मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal)की पिछले 14 विदेशी टेस्ट पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने कुल 213 रन ही अपने नाम किए हैं. जिसमें सिर्फ एक फिफ्टी शामिल है जो उन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में लगाई थी. उनका ये रिकॉर्ड हैरान करने वाला है, लेकिन इसके उलट वो भारत में हिट रहे हैं.
भारत में चला मयंक का बल्ला
अब नजर डालते हैं भारतीय सरजमीं पर मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के रिकॉर्ड्स पर. मयंक ने 2019 से लेकर 2021 तक भारत में 7 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 57.19 की औसत से 839 रन अपने नाम किए. इस दौरान उन्होंने 4 शतक और 1 अर्धशतक लगाए. उनका सर्वाधिक निजी स्कोर 243 रन रहा.
मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को दिसंबर 2021 में काफी वक्त के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और शुभमन गिल (Shubman Gill) की गैरमौजूदगी में वापसी का मौका मिला था जिसे उन्होंने जमकर भुनाया. मुंबई और सेंचुरियन में 2 टेस्ट मैचों में उन्होंने 69.00 की औसत से 276 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक और एक शतक शामिल है. इसकी बदौलत वो 'आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ' अवार्ड के दावेदार बने थे.
कानपुर (Kanpur) में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त होने के बाद भारत ने मुंबई में न्यूजीलैंड को 327 रनों से हरा दिया था और मयंक इस जीत के हीरो थे, क्योंकि उन्होंने दोनों पारियों में 150 और 62 रनों की पारी खेली थी. उन्होंने भारत में पहली बार किले सेंचुरियन को तोड़ने में भी अहम रोल अदा किया.
ऐसे हालात में भारतीय टीम मैनेजमेंट और नेशनल सेलेक्टर्स विदेशी टूर के दौरान मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को नजरअंदाज कर सकते हैं क्योंकि वो अब तक ऐसे मौकों को भुनाने में नाकाम रहे हैं. अहम बात ये है कि मयंक ने विदेशी धरती पर एक भी शतक नहीं लगाया है.