पाकिस्तान क्रिकेट में आए दिन कुछ ना कुछ बवाल मचता ही रहता है. इस बार एक दिग्गज क्रिकेटर ने इस टीम के मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट में आए दिन कुछ ना कुछ बवाल मचता ही रहता है. कभी इस टीम के खिलाड़ी आपस में भिड़ जाते हैं तो कभी मैनेजमेंट में किसी ना किसी बात को लेकर विवाद हो जाता है. अब भारत के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले पाकिस्तान क्रिकेट में नया बवाल हो गया है. इस बार एक दिग्गज क्रिकेटर ने इस टीम के मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में तब तक कोई सुधार नहीं होगा जब तक वह व्यवस्था में बदलाव नहीं करेगा और बलि का बकरा ढूंढने की आदत बंद नहीं करेगा. पिछले महीने अचानक इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोल रहे मिसबाह ने कहा कि ‘कॉस्मेटिक सर्जरी’ (ऊपर ऊपर सुधार) से पाकिस्तान क्रिकेट में कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि समस्याएं तो व्यवस्था में अंदर तक गहरी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा, ‘समस्या यह है कि हमारा क्रिकेट केवल नतीजे देखता है और आगे की योजना तथा व्यवस्था में सुधार करने के लिए हमारे पास समय या संयम नहीं है.’
मिस्बाह ने कहा, ‘हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हमें अपने खिालड़ियों का विकास घरेलू स्तर पर ही करना होगा और फिर राष्ट्रीय टीम में उनके कौशल विकास पर काम करना होगा. हम नतीजे चाहते हैं और अगर हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिलते तो हम किसी को बलि का बकरा बनाने के लिये ढूंढना शुरू कर देते हैं.’ मिस्बाह के साथ गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने पिछले महीने वेस्टइंडीज से लौटने के बाद अचानक इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से पाकिस्तान क्रिकेट में बलि का बकरा ढूंढना आम हो गया है. एक मैच या सीरीज गंवाने के बाद हम खुद को बचाने के लिए बलि का बकरा ढूंढने लगते हैं.’
मिस्बाह ने कहा, ‘अगर हम यही ‘कास्मेटिक सर्जरी’ जारी रखेंगे तो कुछ भी नहीं बदलेगा. आप कोच और खिलाड़ियों को बदल सकते हैं लेकिन अंदर की समस्या जस की तस बनी रहेंगी.’ उन्होंने साथ ही राष्ट्रीय चयन समिति के काम करने के तरीके और जिस तरह से टी20 विश्व कप टीम में बदलाव किए, उसकी भी काफी आलाचेना की. उन्होंने कहा, ‘क्या हो रहा है? पहले आप कुछ खिलाड़ियों को विश्व कप टीम में शामिल करते हो और फिर 10 दिन बाद आप यू्-टर्न लेकर बाहर किये गये खिलाड़ियों को वापस लाते हो.’