आईपीएल 2024 में लगातार फ्लॉप होने के बाद RCB के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने इस लीग से अचानक अनिश्चितकाल के लिए ब्रेक लेने का फैसला किया. मैक्सवेल ने इस फैसले के लिए अपनी खराब बल्लेबाजी फॉर्म का हवाला दिया. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी क्रिकेटर ने मानसिक थकान के चलते ऐसा किया है. विराट कोहली, ईशान किशन से लेकर कई बड़े क्रिकेटर ऐसा कर चुके हैं. चलिए जानते हैं उन क्रिकेटर्स के बारे में...
आरसीबी के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने बल्लेबाजी में अपनी खराब फॉर्म के चलतेआईपीएल से अनिश्चितकालीन 'मानसिक और शारीरिक' ब्रेक लेने का फैसला किया. सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सोमवार को आरसीबी के मैच के लिए मैक्सवेल को प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया था. इसका कारण मुंबई इंडियंस के खिलाफ पिछले मैच के दौरान लगी ऊंगली की चोट बताया गया था, मैक्सवेल ने खुद को टीम से बाहर करने की बात स्वीकारी. यह पहली बार नहीं है जब मैक्सवेल ने मेंटल हेल्थ चैलेंज के कारण क्रिकेट से ब्रेक लिया है. उन्होंने अक्टूबर 2019 में भी ऐसा किया था.
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने भी कुछ समय पहले ऐसे ही क्रिकेट से ब्रेक लेने का फैसला किया था. व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारतीय टीम के नियमित सदस्य रहे ईशान किशन ने पिछले साल ब्रेक लेने का फैसला किया था और साउथ अफ्रीका दौरे के बीच से भारत वापस आ गए थे. हालांकि, इसके बाद से ही वह भारतीय टीम से बाहर हैं.
विराट कोहली ने 2022 एशिया कप से ठीक पहले एक महीने का रेस्ट लिया था. भारत के इस स्टार बल्लेबाज ने 2022 एशिया कप से ठीक पहले एक महीने के ब्रेक से लौटने के बाद अपने मेंटल हेल्थ चैलेंज के बारे में खुलकर बताया था. एक इंटरव्यू में कोहली ने कहा कि मानसिक रूप से कमजोर महसूस करने और उन्हें ब्रेक की जरूरत के बावजूद वह कड़ी मेहनत कर रहे थे. एक महीने के रेस्ट ने उन्हें तरोताजा महसूस करने में मदद की.
बेस्ट ऑलराउंडरों में से एक और इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन टोक्स ने जुलाई 2021 में खुद को मानसिक स्वस्थ होने के क्रिकेट से अनिश्चितकालीन ब्रेक लेने का फैसला किया. स्टोक्स ने बाद में खुलासा किया कि वह इससे पहले कई बार पैनिक अटैक से गुजर चुके थे. क्रिकेट से दूर जाने का निर्णय लेने के बाद वह छह महीने बाद टीम में सफल वापसी करने में सफल रहे. वापसी के बाद भी वह चिंता की मेडिसिन लेते रहे हैं.
जोनाथन ट्रॉट, जो अपने करियर के अधिकांश समय में इंग्लैंड क्रिकेट टीम की लाइनअप के प्रमुख खिलाड़ी थे, वह भी एक समय मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. अत्यधिक तनाव के कारण, ट्रॉट ने 2013 में एशेज सीरीज से सिर्फ एक टेस्ट खेलकर हटने का फैसला किया था. इसके बाद उन्होंने 16 महीने के लिए क्रिकेट खेलना बिल्कुल बंद कर दिया. 2015 में उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने की कोशिश जरूर की, लेकिन तनाव के चलते वह ऐसा नहीं कर सके और आखिर में उन्हें रिटायरमेंट लेना पड़ा.
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