'PCA के विश्वास को तोड़ा...' क्रिकेट से जुड़े इस बड़े अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज
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'PCA के विश्वास को तोड़ा...' क्रिकेट से जुड़े इस बड़े अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज

PCA Conflict of interest Complaint: पंजाब क्रिकेट संघ के अध्यक्ष गुलजार इंदर सिंह चहल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. यह मामला सीए फर्म से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर पीसीए के ऑडिट के लिए नियुक्त किया गया था.

Gulzar Chahal (Instagram)

Gulzar Chahal Conflict of Interest Case: पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) के अध्यक्ष गुलजार इंदर सिंह चहल पर हितों के टकराव का आरोप लगाया जा रहा है. एक जिला इकाई के प्रमुख ने लोकपाल सह आचरण अधिकारी न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) इंदरजीत सिंह के समक्ष उनकी शिकायत की है. शिकायतकर्ता ने लोकपाल से कहा है कि गुलजार चहल ने ना केवल पीसीए के नियमों का उल्लंघन किया बल्कि उन्होंने क्रिकेट संघ के विश्वास को भी तोड़ा है.

सीए फर्म से जुड़ा है मामला

शिकायत में दावा किया गया है कि पीसीए अध्यक्ष के व्यावसायिक हितों को देखने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म को कथित तौर पर राज्य संघ का ऑडिट का कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया जो हितों के टकराव का मामला बनता है. पीटीआई के पास शिकायत की प्रति भी मौजूद है जिसे मोहाली जिला क्रिकेट संघ के चीफ ने दर्ज कराया है. मोहाली जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह द्वारा दायर शिकायत में कहा गया है, ‘इसका आधार मौजूदा अध्यक्ष गुलजार चहल द्वारा पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) के नियमों का उल्लंघन है.’

'पद का दुरुपयोग किया'

शिकायत के अनुसार, ‘उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 2022-23 सत्र के लिए पीसीए के ऑडिटर के रूप में मेसर्स अजय अलीपुरिया एंव कंपनी, चार्टर्ड अकाउंटेंट को नियुक्त किया है. अध्यक्ष का उनके द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों के साथ व्यक्तिगत और पूर्व व्यावसायिक संबंध है.’ शिकायत में कहा गया है कि पारिश्रमिक 10 लाख रुपये तय किया गया और यह भी आरोप लगाया गया कि ऑडिटर की नियुक्ति के दौरान ‘कोई उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.’

क्रिकेट संघ के विश्वास को तोड़ा

शिकायतकर्ता ने लोकपाल से कहा है कि गुलजार चहल ने ना केवल ‘पीसीए के नियमों/संविधान का उल्लंघन किया है बल्कि उन्होंने संघ के विश्वास को भी तोड़ा है और अब पीसीए के अध्यक्ष के रूप में बने रहने के योग्य नहीं हैं.’ गुलजार को टिप्पणी करने के लिए कहा तो उन्होंने स्वीकार किया कि लोकपाल के पास शिकायत की गई है लेकिन वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह मामला लोकपाल के विचाराधीन है. इसलिए मेरे लिए कोई बयान जारी करना उचित नहीं होगा.’

(एजेंसी से इनपुट)

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