Wasim Jaffer पर इस्लाम को बढ़ावा देने के मामले में आया राजनीतिक मोड़, अब Rahul Gandhi कूदे
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Wasim Jaffer पर इस्लाम को बढ़ावा देने के मामले में आया राजनीतिक मोड़, अब Rahul Gandhi कूदे

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर (Wasim Jaffer) पर क्रिकेट में इस्लाम को बढ़ावा देने के आरोपों को लेकर टिप्पणी की है. 

वसीम जाफर और राहुल गांधी (File Photo)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के अपने पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर (Wasim Jaffer) पर उत्तराखंड क्रिकेट संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य की टीम के कोच के रूप में उन्होंने धर्म आधारित चयन करने का प्रयास किया. जिसके बाद उन्होंने उत्तराखंड के कोच का पद छोड़ दिया.

  1. जाफर पर लगे थे क्रिकेट में इस्लाम को बढ़ावा देने के आरोप
  2. आरोपों के चलते वसीम जाफर ने कोच पद से दिया था 
  3. अब इस मामले में राहुल गांधी ने की टिप्पणी

भारत के पूर्व महान स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भी उनका सर्मथन किया. वहीं अब ये मामला राजनीति तक पहुंच चुका है. अब इस मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने टिप्पणी दी है.

इस मामले पर बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वसीम जाफर (Wasim Jaffer) पर ट्वीट कर लिखा, ‘पिछले कुछ सालों में नफरत को इस कदर सामान्य कर दिया गया है कि हमारा प्रिय खेल भी इसकी चपेट में आ गया. भारत हम सभी का है. उन्हें हमारी एकता भंग मत करने दीजिए’.

 

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कुंबले ने दिया था समर्थन

जाफर (Wasim Jaffer) को अब पूर्व भारतीय कप्तान और कोच कुंबले (Anil Kumble) का समर्थन मिला है. कुंबले ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘आपके साथ हूं वसीम. आपने सही किया. दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें आपके मेंटर नहीं होने की कमी खलेगी’.

जाफर ने आरोपों को किया खारिज

उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (Uttarakhand Cricket Association) से मतभेद होने के चलते कोच पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व बल्लेबाज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने प्रदेश संघ के सचिव द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है. संघ सचिव महिम वर्मा (Mahim Verma) ने आरोप लगाए थे कि जाफर ने धर्म के आधार पर टीम में चयन करने की कोशिश की थी. बता दें कि जाफर को जून 2020 में उत्तराखंड का कोच बनाया गया था. उन्होंने एक साल का करार किया था.

 

आरोपों से पहुंची है तकलीफ'

वसीम जाफर (Wasim Jaffer) के ऊपर मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के आरोप लगाए गए है. इसपर जाफर का कहना है कि इन आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है. जाफर ने कहा, 'जो कम्युनल एंगल लगाया जा रहा है वह बहुत दुखद है. उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला (Iqbal Abdulla) का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था, जोकि सरासर गलत है.' बता दें कि जाफर ने चयन में दखल और चयनकर्ताओं और असोसिएशन के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते मंगलवार को कोच पद से इस्तीफा दे दिया था.

जय बिस्टा को कप्तान बनाना चाहते थे जाफर

वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने कहा कि वे इकबाल अब्दुल्ला नहीं बल्कि जय बिस्टा (Jay Bista) को टीम का कप्तान बनाना चाहते थे लेकिन अन्य चयनकर्ताओं ने उन्हें अब्दुल्ला (Iqbal Abdulla) को कप्तान बनाने के लिए सुझाव दिया था. उन्होंने कहा, 'मैं जय बिस्टा को कप्तान बनाना चाहता था, लेकिन रिजवान शमशाद और अन्य चयनकर्ताओं ने मुझे सुझाव दिया कि इकबाल को कप्तान बनाएं. वह सीनियर खिलाड़ी हैं, आईपीएल खेल चुका है और उम्र में भी बड़ा है. मैंने उनका सुझाव मान लिया.'

बायो-बबल में मौलवियों को मैंने नहीं बुलाया

वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने कहा कि प्रैक्टिस सेशन के दौरान वे मौलवियों को लेकर नहीं आए थे. उन्होंने कहा, 'बायो बबल में मौलवी आए और हमने नमाज पढ़ी. मैं आपको बताना चाहता हूं कि जो भी मौलवी देहरादून में कैंप के दौरान दो या तीन जुमे को आए, उन्हें मैंने नहीं बुलाया था. हम रोज कमरे में ही नमाज पढ़ते थे लेकिन जुमे की नमाज मिलकर पढ़ते थे तो मैंने सोचा कि कोई इसके लिए आएगा तो अच्छा ही रहेगा. हमने नेट प्रैक्टिस के बाद पांच मिनट ड्रेसिंग रूम में नमाज पढ़ी. अगर यह सांप्रदायिक है तो मैं नमाज के वक्त के हिसाब से प्रैक्टिस का समय बदल सकता था, लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं.'

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