Sanju Samson: अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले दो मैचों में बाहर बैठने के बाद संजू सैमसन को तीसरे मुकाबले में मौका मिला, लेकिन वह गोल्डन डक पर आउट हो गए. बेंगलुरु में खेले गए तीसरे और आखिरी टी20 मैच में संजू सैमसन को फरीद अहमद ने पहली ही गेंद पर अपना शिकार बनाते हुए मोहम्मद नबी के हाथों कैच आउट करा दिया.
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India vs Afghanistan 3rd T20I Match: भारतीय क्रिकेट में लंबे समय से बहस चलती आ रही है कि विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को पर्याप्त मौके नहीं दिए जा रहे हैं. हालांकि ये भी सच है कि संजू सैमसन ने टुकड़ों में प्रदर्शन कर खुद को निराश करने का काम किया है. अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले दो मैचों में बाहर बैठने के बाद संजू सैमसन को तीसरे मुकाबले में मौका मिला, लेकिन वह गोल्डन डक पर आउट हो गए. बेंगलुरु में खेले गए तीसरे और आखिरी टी20 मैच में संजू सैमसन को फरीद अहमद ने पहली ही गेंद पर अपना शिकार बनाते हुए मोहम्मद नबी के हाथों कैच आउट करा दिया.
संजू सैमसन ने हाथ आया मौका गंवाया
टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले भारत की इस फॉर्मेट में यह आखिरी सीरीज थी, लेकिन संजू सैमसन तीसरे टी20 में शून्य पर आउट हो गए. संजू सैमसन ने ऐसा कर खुद को मुसीबत में डाल लिया है. जब सेलेक्टर्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए टीम इंडिया चुनेंगे तो वह संजू सैमसन पर जितेश शर्मा को तरजीह दे सकते हैं. जितेश शर्मा ने टीम इंडिया के लिए अहम मौकों पर अपने शानदार प्रदर्शन से सेलेक्टर्स और मैनेजमेंट का भरोसा हासिल किया है. संजू सैमसन ने टीम इंडिया के लिए अपना इंटरनेशनल डेब्यू साल 2015 में किया था और तब से लेकर अभी तक उन्होंने महज 41 इंटरनेशनल मैच ही खेले हैं.
इंटरनेशनल लेवल पर फ्लॉप हो जाते हैं संजू सैमसन
संजू सैमसन ने भारत के लिए साल 2015 में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी. संजू सैमसन ने पिछले लगभग 9 साल से भारत के लिए अभी तक सिर्फ 41 इंटरनेशनल मैच ही खेले हैं. अक्सर संजू सैमसन इंटरनेशनल लेवल पर फ्लॉप हो जाते हैं. संजू सैमसन ने भारत के लिए 16 वनडे मैचों में 510 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 3 अर्धशतक शामिल हैं. संजू सैमसन ने 25 टी20 मैचों में 374 रन बनाए है. टी20 इंटरनेशनल मैचों में संजू सैमसन ने केवल एक ही अर्धशतक लगाया है. किसी भी क्रिकेटर के लिए टीम इंडिया से बाहर होना बहुत दर्दनाक होता है, क्योंकि इसके बाद दोबारा भारतीय टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल होता है. एक से बढ़कर एक टैलेंटेड खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण भारतीय टीम के सेलेक्शन में तगड़ा कम्पटीशन देखने को मिलता है.