पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) की हालत देखकर पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने टीम मैनेजमेंट को जमकर लताड़ लगाई है. साथ ही कहा है कि औसत दर्जे की सोच से फायदा नहीं होगा.
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नई दिल्ली: इंग्लैंड (England) ने तीसरे और आखिरी वनडे में पाकिस्तान (Pakistan) को 3 विकेट से शिकस्त दी और साथ ही सीरीज पर 3-0 से कब्जा जमाया. बाबर आजम (Babar Azam) की कप्तानी में पाक टीम का पूरा सफाया हो गया जिसको लेकर शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) भड़क गए हैं.
पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने अपने मुल्क की टीम की हार को असफोसनाक बताया है. उनका मानना है कि पाक टीम को अपने औसत दर्जे की सोच से बाहर निकलना होगा.
बड़ा स्कोर बनाकर भी हारा PAK
तीसरे वनडे में पाकिस्तान (Pakistan) ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में 9 विकेट पर 331 रन का स्कोर बनाया, जिसमें कप्तान बाबर आजम (Babar Azam) ने शानदार 158 रनों की पारी खेली. इसके बावजूद इंग्लैंड ने 48 ओवर में ही रोमांचक जीत दर्ज की.
As series wins go...
This one is up there
#ENGvPAK pic.twitter.com/bxfYdzpa19
— England Cricket (@englandcricket) July 13, 2021
PAK टीम पर भड़के शोएब अख्तर
शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने पाकिस्तान टीम पर भड़कते हुए कहा, 'आपकी फैन फॉलोइंग घट जाएगी. अगर बच्चे आपको फॉलो नहीं करेंगे, तो टीम को अच्छे स्टार खिलाड़ी नहीं मिलेंगे. फिर आपको नया शोएब अख्तर, शाहिद अफरीदी या वसीम अकरम नहीं मिलेगा.
Humiliating 3-0 defeat for Pakistan. Every summer we go to England to get results like this.
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— Shoaib Akhtar (@shoaib100mph) July 13, 2021
'औसत दर्जे का खेल'
शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने कहा, 'ऐसे खेल से औसत दर्जे के फैसले लिए जाएंगे, जिससे एवरेज परफॉर्मेंस मिलेंगे. पाकिस्तान (Pakistan) की क्रिकेट बेहद मुश्किल हालात से गुजर रही है, ऐसे में आपसे पूरी ईमानदारी से बात करूंगा.'
शोएब ने आगे कहा, 'मैं आपसे इसलिए ऐसा नहीं कह रहा हूं, क्योंकि मुझे जॉब की जरूरत है, मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि मुझे बुरा लग रहा है. मैंने इस मुल्क के लिए क्रिकेट खेली है, मैं इसलिए इस मुद्दे पर बोल रहा हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि लोगों को उनके पैसों की असल वैल्यू मिले, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. ये बर्दाश्त के काबिल नहीं है. ऐस मसले को देखना होगा. ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने अपनी आंखें बंद कर ली है, क्यों वो खुद औसत दर्जे के लोग हैं.'