धर्मशाला टेस्ट मैच में स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक जमा दिया. उन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह शतक जमाया. अब इस बैटिंग ऑर्डर पर उनके पिता ने बयान दिया है.
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Shubman Gill Father Statement: धर्मशाला में खेले जा रहे भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुभमन गिल ने गजब की बल्लेबाजी की. उन्होंने अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक जमाते हुए 110 रन की पारी खेली। उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर बड़ी पार्टनरशिप की और भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। अब उनके पिता ने एक बयान दिया है, जिसमें वह शुभमन के बैटिंग ऑर्डर से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि गिल को ओपनिंग ही करनी चाहिए.
12 पारियों के बाद बनाया था बड़ा स्कोर
शुभमन गिल के पहले कोच और पिता लखविंदर ने कहा कि गेंदबाजों को फिर बाहर निकलकर खेलने से वह टेस्ट क्रिकेट में रन बना रहा है, लेकिन उन्हें उसका तीसरे नंबर पर खेलने का फैसला पसंद नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद शुभमन पर दबाव बढ़ गया था, क्योंकि वह 12 पारियों में अर्धशतक नहीं बना सके थे और आक्रामक खेल नहीं दिखा पा रहे थे. गिल ने विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट में शतक जमाकर आलोचकों को करारा जबाव दिया था. ओपनिंग बल्लेबाजी से तीसरे नंबर पर उतरने के बाद यह उनकी पहली बड़ी पारी थी. इस बैटिंग पोजीशन को लेकर अब उनके पिता ने बयान दिया है.
बल्लेबाजी पर दिया बयान
शुभमन के पिता ने कहा, 'बाहर निकलकर खेलने से काफी फर्क पड़ा. वह ऐसा नहीं कर रहा था जिससे दबाव बन गया था. वह अंडर 16 के दिनों से स्पिनरों और तेज गेंदबाजों को बाहर निकलकर खेलता आया है.' उन्होंने आगे कहा, 'जब आप अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेलते हैं तो दिक्कत होती है. पूरा खेल आत्मविश्वास का है. एक बार अच्छी पारी खेलने के बाद आप लय में आ जाते हैं. वह अंडर 16 दिनों से काफी रन बना रहा है.'
बैटिंग पोजीशन को लेकर बोले पिता
मोहाली में घर पर होने पर शुभमन को ट्रेनिंग देने वाले लखविंदर ने कहा कि वह तीसरे नंबर पर उतरने के उसके फैसले से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'उसे पारी का आगाज ही करना चाहिए. जब आप ड्रेसिंग रूम में लंबे समय तक बैठते हैं तो दबाव बढता है. तीसरा नंबर ना तो पारी की शुरूआत का है और ना ही मध्यक्रम का. इसके अलावा उसका खेल ऐसा नहीं है. यह क्रम चेतेश्वर पुजारा के अनुकूल है जो रक्षात्मक खेलता है.' हालांकि, उन्होंने कहा, 'मैं उसके फैसलों में दखल नहीं देता. वह इतना बड़ा है कि अपने फैसले ले सकता है. जब वह टीनएजर था, तब मैं उसके फैसले लेता था.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)