आईपीएल में खेल रही दिल्ली कैपिटल्स टीम के डायरेक्टर और भारत के पूर्व दिग्गज कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने अपने बचपन की यादें ताजा की हैं. गांगुली ने बताया है कि उन्होंने सिर्फ 13 साल की उम्र में पहली बार बल्ला थामा था.
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Sourav Gnaguly: भारत के दिग्गज कप्तानों में से एक रहे सौरव गांगुली ने अपनी बचपन की यादें ताजा करते हुए काफी कुछ बताया है. उन्होंने अपने क्रिकेटिंग करियर को याद करते हुए काफी कुछ बताया, जिसमें उन्होंने पहली बार बल्ला थामने से लेकर बिना ग्लव्स और पैड के बिना खेले क्रिकेट का जिक्र किया. दरअसल, दिल्ली कैपिटल्स के हुए एक कार्यक्रम में गांगुली ने यह सब बताया, जिसमें टीम के हेड कोच रिकी पोंटिंग और ओपनर बल्लेबाज डेविड वॉर्नर भी शामिल रहे.
गांगुली को याद आए बचपन के दिन
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रहे सौरव गांगुली जो अब दिल्ली कैपिटल्स के क्रिकेट डायरेक्टर हैं. गांगुली ने अपने पहले बल्ले के बारे में कहा, 'मैं 13 साल का था जब पहला बल्ला खरीदा. गेंद को बल्ले से मारकर हवा में जाते देखकर मैं बहुत खुश होता था.' गांगुली ने कार्यक्रम में यह भी बताया कि वह जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो उस समय ग्लव्स और पैड पहनने का ज्यादा चलन नहीं था. सबसे जरूरी था बैट.
पोंटिंग ने दिया बयान
दो बार के वर्ल्ड कप विजेता आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस कार्यक्रम में कहा है कि उन्होंने हर वो बल्ला संभालकर रखा है जिससे उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक जड़ा है और उस पर विपक्षी टीम का नाम तथा अपना स्कोर भी उन्होंने लिख रखा है. बता दें कि दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच पोंटिंग अपने दौर के बेहतरीन बल्लेबाजों में से थे. उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के कार्यक्रम के दौरान अपनी यह बात रखी.
हर बल्ला रखा है...
क्रिकेट को 2012 में अलविदा कहने वाले पोंटिंग ने 71 इंटरनेशनल शतक लगाये हैं, जिनमें 41 टेस्ट शतक शामिल हैं. पोंटिंग ने कहा, 'आप विश्वास करें या नहीं, लेकिन मेरे घर पर मेरा पहला बल्ला भी रखा है. इस पर स्टिकर्स लगे हैं. हमारे घर में करीब एक हजार बल्ले हैं. जिस भी बल्ले से मैने इंटरनेशनल शतक जड़ा था. वह मेरे पास है. इस पर मैंने अपना स्कोर और विरोधी टीम का नाम भी लिखा है.' उनकी यादगार पारियों में भारत के खिलाफ 2003 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में जड़े नाबाद 140 रन शामिल हैं.