पिछले कुछ सालों से रोहित दुनिया के बेस्ट ओपनिंग बल्लेबाज हैं. वनडे और टी20 में कमाल दिखाने वाले रोहित पिछले कुछ समय से टेस्ट के भी बेस्ट बल्लेबाज बन गए हैं. लेकिन उनकी वजह से कई खिलाड़ियों का करियर खत्म हो गया है.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के हिटमैन बल्लेबाज रोहित शर्मा को हाल ही में सीमित ओवर टीमों का नया कप्तान नियुक्त किया गया है. पिछले कुछ सालों से रोहित दुनिया के बेस्ट ओपनिंग बल्लेबाज हैं. वनडे में तीन डबल सेंचुरी लगाने वाले वो दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं. इतना ही नहीं कुछ समय से रोहित टेस्ट के भी बेस्ट बल्लेबाज बन गए हैं. लेकिन रोहित के आने से कई प्लेयर ऐसे भी हैं जिनका करियर लगभग खत्म होने की कगार पर है.
रोहित शर्मा ने जब से टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की की है तभी से कई ऐसे बल्लेबाज हैं जिनका पत्ता हमेशा के लिए टीम से कट गया है. हैरानी की बात तो ये है कि एक बल्लेबाज तो ऐसा भी है जिसने ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में भी कमाल का प्रदर्शन किया. लेकिन अब उसे सेलेक्टर्स भाव नहीं देते. इस बल्लेबाज का नाम है मुरली विजय. मुरली विजय एक समय टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद ओपनर थे.
लेकिन पिछले कुछ सालों से विजय को टीम में जगह नहीं दी गई है. विजय ने अपना आखिरी मैच दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. उसके बाद पहले मयंक अग्रवाल और बाद में रोहित शर्मा ने टीम से उनका पत्ता पूरी तरह काट दिया. अब ऐसा लगता भी नहीं कि विजय को दोबारा टीम में कभी जगह मिल पाएगी. ऐसा इसलिए भी है कि इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट कहीं भी मुरली अब इतने एक्टिव नहीं नजर आते हैं.
मुरली विजय ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 61 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 3982 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 12 शतक भी निकले. वनडे और टी20 क्रिकेट में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और वो कुछ खास कर भी नहीं पाए. पिछले 3 साल से वो टीम से बाहर हैं और अब रोहित शर्मा और केएल राहुल की फॉर्म को देखते हुए लगता है कि उन्हें आने वाले समय में टीम में जगह मिलेगी भी नहीं.
मुरली विजय के अलावा एक और खिलाड़ी ऐसा है जिसका करियर रोहित शर्मा के टीम में आने से खत्म हो गया. इस बल्लेबाज का नाम शिखर धवन है. धवन भारत की ओर से वनडे और टी20 तो फिर भी खेलते हुए नजर आ जाते हैं लेकिन उन्हें लंबे समय से टेस्ट टीम में नहीं देखा गया है. कारण यही है कि भारतीय टीम के पास इस वक्त इतने ओपनर्स हैं कि धवन और विजय जैसे बल्लेबाजों की जरूरत ही नहीं पड़ती.