कोहली और शास्त्री के समय में किस तरह किया जाता था टीम सेलेक्शन? पूर्व सेलेक्टर ने खोली पोल
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कोहली और शास्त्री के समय में किस तरह किया जाता था टीम सेलेक्शन? पूर्व सेलेक्टर ने खोली पोल

पूर्व भारतीय चयनकर्ता सरनदीप सिंह ने रवि शास्त्री की पोल खोली है. सरनदीप सिंह ने रवि शास्त्री को उनके एक बयान को लेकर फटकार लगाई है. सरनदीप सिंह के मुताबिक रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता था. 

Ravi Shastri and Virat Kohli

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सेलेक्टर सरनदीप सिंह ने टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री की पोल खोल कर रख दी है. पूर्व सेलेक्टर सरनदीप सिंह ने इस राज पर से पर्दा उठाया है कि किस तरह रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली के समय में टीम सेलेक्शन किया जाता था. रवि शास्त्री ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि अंबाती रायडू के चयन नहीं किए जाने का फैसला उनका नहीं था और न ही तीन विकेटकीपरों को एक साथ रखने के फैसले में उनकी कोई भूमिका थी.

  1. पूर्व सेलेक्टर ने खोली पोल
  2. शास्त्री की मांग पर चलती थी सेलेक्शन कमिटी

पूर्व सेलेक्टर ने खोली पोल

बता दें कि 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक और एमएस धोनी तीन विकेटकीपरों के साथ उतरी थी और न्यूजीलैंड के हाथों इस मैच में भारत हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गया था. अब पूर्व भारतीय चयनकर्ता सरनदीप सिंह ने रवि शास्त्री की पोल खोली है. सरनदीप सिंह ने रवि शास्त्री को उनके एक बयान को लेकर फटकार लगाई है. सरनदीप सिंह के मुताबिक रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता था. 

कैसे किया जाता था टीम सेलेक्शन?

शास्त्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, '2019 वर्ल्ड कप के लिए तीन विकेटकीपरों को एक-साथ चुना जाना मेरे हिसाब से ठीक नहीं था. अंबाती रायुडू या श्रेयस अय्यर में से किसी एक को लिया जा सकता था. एमएस धोनी, ऋषभ और दिनेश के एक साथ होने का क्या मतलब था? लेकिन मैंने कभी भी चयनकर्ताओं के काम में हस्तक्षेप नहीं किया.' इस पर पूर्व चयनकर्ता और स्पिनर सरनदीप सिंह ने बताया कि चयन समिति ने कप्तान विराट कोहली और तत्कालीन कोच रवि शास्त्री के साथ चर्चा किए बिना कुछ भी नहीं किया.

शास्त्री की मांग पर चलती थी सेलेक्शन कमिटी 

सरनदीप सिंह ने कहा, 'चयन में कोच का वास्तव में कोई अधिकार नहीं था, लेकिन समिति हमेशा कप्तान और कोच के साथ एक ही मत पर थी. रवि शास्त्री सही कहते हैं कि चयन बैठक में कोच की कोई भूमिका नहीं होती है, लेकिन चयन समिति मैदान में जाती है, कप्तान और मुख्य कोच से बात करती है और उन्हें योजनाओं के बारे में बताती है और हम भी पूछते हैं कि वे क्या चाहते हैं या फिर अगर कोई खिलाड़ी है जिसे आप मांग रहे हैं. अगर आप पिछले कुछ सालों को देखें तो हम लगभग हर द्विपक्षीय सीरीज जीत रहे हैं.'

हमारे विचार कभी अलग नहीं रहे

सरनदीप सिंह ने कहा, 'वह मुख्य कोच थे, इसलिए वह कह सकते हैं कि उन्हें कौन सा खिलाड़ी चाहिए. वह विराट से कुछ भी कह सकते हैं कि वह क्या चाहते हैं. कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अलग तरह से महसूस करते हैं, लेकिन दिन के अंत में हम हमेशा एक ही मत पर होते हैं. चार साल तक रवि भाई के साथ हमारे विचार कभी अलग नहीं रहे और वह एक अच्छे कोच भी हैं. वह हर समय हमारी सुनते हैं. हम हमेशा एक साथ बैठे थे और हमेशा एक ही मत पर थे.'

प्लेइंग इलेवन चुनना टीम प्रबंधन का काम है

सरनदीप ने शिखर धवन के चोटिल होने पर विकेटकीपर ऋषभ पंत को टीम में शामिल करने की वजह भी बताई. उन्होंने बताया, 'तीनों विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर काफी अच्छे हैं. एक चयनकर्ता चयन में हस्तक्षेप नहीं करता है. वर्ल्ड कप के दौरान शिखर धवन के चोटिल होने पर ऋषभ पंत को चुना गया था. केएल राहुल के रूप में हमारे पास पहले से ही एक ओपनर था.' सरनदीप ने बताया, 'हम किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे थे जो आए और मध्यक्रम में बल्लेबाजी करे और बड़े शॉट खेले. यही वजह है कि ऋषभ पंत टीम में थे, लेकिन प्लेइंग इलेवन चुनना टीम प्रबंधन का काम है. चयन समिति इसमें हस्तक्षेप नहीं करती है. 2019 वर्ल्ड कप में अगर आप ऋषभ पंत के चयन को देख रहे हैं तो वह उनकी पहली पसंद नहीं थे. एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक टीम में थे और हम सभी मैच जीत रहे थे. हम तालिका में भी शीर्ष पर रहे.'

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