महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के दौरान टीम इंडिया को कई सितारे मिले. लेकिन विराट कोहली की कप्तानी में इन्हीं खिलाड़ियों का करियर एकदम खत्म हो गया.
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नई दिल्ली: भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान माने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी मिले. कुछ खिलाड़ी तो ऐसे भी थे जिनको धोनी ही टीम में लेकर आए और उन सभी के करियर माही की वजह से ही बन. लेकिन विराट कोहली ने जैसे ही कप्तानी संभाली इन खिलाड़ियों के करियर पर एक ब्रेक लग गया और ये सभी लगातार फ्लॉप होते चले गए. आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों पर जिनका करियर कोहली की कप्तानी में खत्म हो गया.
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में कई खिलाड़ियों ने अपने करियर को बनाया, इन्हीं खिलाड़ियों में एक नाम सुरेश रैना का भी आता है. रैना हमेशा से ही धोनी के सबसे खास खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. बता दें कि जब पिछले साल 15 अगस्त को धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा की उसी दिन रैना ने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया. रैना धोनी की टीम के बहुत ही उपयोगी और भरोसेमंद खिलाड़ी के रूप में शामिल रहे. इस दौरान उन्होंने धोनी की कप्तानी में कुल 228 वनडे मैच खेले. उन्होंने 35 की औसत के साथ 6228 रन बनाए. धोनी की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन करने वाले रैना के लिए कोहली की कप्तानी ज्यादा रास नहीं आई. कोहली की कप्तानी में उन्होंने 26 वनडे मैचों में 542 रन ही बनाए हैं और एक समय ऐसा आया जब उन्हें पूरी तरह से टीम से बाहर कर दिया गया.
रविचंद्रन अश्विन मौजूदा समय में भारतीय टेस्ट टीम के बड़े हथियार हैं. अश्विन इस समय टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के सबसे बेहतरी स्पिन गेंदबाज हैं. लेकिन अश्विन लंबे समय से भारत की वनडे और टी20 टीम से पूरी तरह से बाहर हैं. हालांकि अश्विन को टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में जगह जरूर दी गई है, लेकिन उन्हें प्लेइंग 11 में मौका मिलना काफी मुश्किन है. अश्विन ने धोनी की कप्तानी में शानदार खेल दिखाया था. अश्विन ने धोनी की कप्तानी में 78 वनडे मैचों में 105 और 42 टी-20 मैचों में 49 विकेट हासिल किए, लेकिन कोहली की कप्तानी में अश्विन ने 20 वनडे ही खेले. इस दौरान अश्विन केवल 25 विकेट ही ले सके.
भारत के अबतक के सबसे बड़े मैच विनर माने जाने वाले युवराज सिंह ने भारत को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जिताने में बड़ा रोल निभाया था. युवराज सिंह ने वैसे तो सौरव गांगुली की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. लेकिन जब महेंद्र सिंह धोनी भारत के कप्तान बने तो युवराज सिंह ने धूम ही मचा दी. युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट को शिखर पर पहुंचाया. धोनी की ही कप्तानी में युवराज ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया और 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' रहे. लेकिन धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद युवराज कोहली की कप्तानी में अपनी लगातार नाकाम रहे और टीम इंडिया से बाहर होकर उन्हें संन्यास लेना पड़ा.