ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में दमदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम को विश्वकप में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
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माउंट माउंगानुइ: न्यूजीलैंड को 3-0 से हराने के बाद क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को भारतीय टीम के प्रदर्शन पर संतुष्टि जताई. कोहली ने कहा कि उनकी टीम 'ऑटोमेटिक' स्थिति में है और ऐसे भी 2019 विश्वकप को लेकर फिलहाल चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में दमदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम को विश्वकप में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
कोहली ने तीसरे वनडे मैच में न्यूजीलैंड पर आसान जीत दर्ज करने के बाद कहा, "अगर आप पिछले पांच मैचों को देखेंगे (ऑस्ट्रेलिया में दो और न्यूजीलैंड में तीन), मैंने कहा था कि हम बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान को मजबूत करना चाहते है और रायुडू उम्मीदों के मुताबिक बल्लेबाजी कर रहे हैं. इससे आप बल्लेबाजी क्रम पर ज्यादा भरोसा करते हैं."
उन्होंने कहा, "दिनेश कार्तिक भी शानदार लय में है. अगर हमें मध्यक्रम में बदलाव करना हुआ तो वह किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी कर सकते है. धोनी गेंद को अच्छे से हिट कर रहे हैं. पहले तीन मैचों को देखे तो हमे ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं."
आत्मविश्वास से भरे भारतीय कप्तान ने उम्मीद जताई की उनकी गैरमौजूदगी में टीम इस प्रदर्शन को जारी रखेगी. कोहली से पूछा गया कि क्या उनकी गैरमौजूदगी में टीम का दमखम कम होगा तो उन्होंने कहा, "बिल्कुल भी नहीं, हमारे लिए चीजें अब स्वचालित स्थिति में है."
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता की दमखम में कोई कमी आएगी मैं खुश हूं की टीम का साथ तब छोड़ रहा हूं जब हम सीरीज जीत चुके हैं. इससे मैं टेंशन-फ्री रहूंगा. टीम का दमखम वही रहेगा क्योंकि यह हमारी टीम संस्कृति का हिस्सा बन गया है और जरूरी नहीं कि इसमें मुझे कुछ करना है."
पंड्या की वापसी से टीम का संतुलन बेहतर हुआ
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विरोट कोहली ने माना कि हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या के आने से टीम का संतुलन बेहतर हुआ है. भारतीय टीम नौ वर्षो बाद के न्यूजीलैंड की सरजमीं पर वनडे सीरीज जीतने में कामयाब हो पाई है. आखिरी बार उसने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2009 में वनडे सीरीज जीती थी. कोहली ने कहा, "मुझे पंड्या के टीम में शामिल होने की खुशी है. वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम को संतुलन प्रदान करते हैं और उन्होंने जिस तरह की गेंदबाजी की वह यह दर्शाता है कि वह अपनी कौशल को बेहतर करने के लिए बहुत मेहनत कर रहे थे. वह मैदान पर उन चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे थे जो उन्हें करनी थी."