B'day Special: Karachi में पहले टेस्ट के बाद क्रिकेट छोड़ना चाहते थे Sachin Tendulkar
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B'day Special: Karachi में पहले टेस्ट के बाद क्रिकेट छोड़ना चाहते थे Sachin Tendulkar

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बर्थडे के मौके पर हम आपको उनके क्रिकेट करियर की अहम यादों को साझा कर रहे हैं. मास्टर ब्लास्टर ने एक बार खुलासा किया था कि उनके करियर का पहला टेस्ट आखिरी भी हो सकता था.

सचिन तेंदुलकर (फोटो-BCCI)

नई दिल्ली: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका इंटरनेशनल करियर बेहद शानदार रहा है. वो फैंस की यादों का अहम हिस्सा हैं. लेकिन जब वो अपना पहला टेस्ट खेल रहे थे तो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वो इतने लंबे वक्त तक क्रिकेट खेल पाएंगे.

  1. 48 साल के हुए सचिन तेंदुलकर
  2. इंटरनेशल क्रिकेट के सुपरस्टार
  3. पाकिस्तान में खेला था पहला टेस्ट

कराची में सचिन का पहला टेस्ट

भले ही सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बल्लेबाजी की कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हों, लेकिन ये बात कम लोग जानते हैं कि सचिन ने साल 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की पहली टेस्ट पारी के बाद क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था.
 

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'ये शायद आखरी टेस्ट पारी होगी'

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कुछ साल पहले गौरव कपूर (Gaurav Kapur) को दिए गए इंटरव्यू में कहा था, 'उस वक्त मैंने सोचा कि कराची (Karachi) मेरी जिंदगी की पहली और शायद आखिरी टेस्ट पारी होगी.'

 

 
 

 

'पाक बॉलर्स जबरदस्त अटैक कर रहे थे'

सचिन ने कहा, पहले मैच में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. एक तरफ वकार यूनिस (Waqar Younis) बॉलिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ वसीम अकरम (Wasim Akram). वो दोनों बॉल को रिवर्स स्विंग भी करा रहे थे. ऐसे अटैक के खिलाफ मेरे पास कोई प्लान नहीं था.

साथी क्रिकेटर्स ने की मदद

सचिन ने आगे कहा, 'जब मैं ड्रेसिंग रूम पहुंचा तो मेरे जेहन में यही चल रहा था कि ये मेरे लेवल की बात नहीं. मैंने ड्रेसिंग रूम में अपने साथी क्रिकेटर्स को ये बात बताई. साथी खिलाड़ियों नें मुझसे कहा कि ये मत सोचो कि मुझे पहली ही बॉल से शॉट मारना शुरू करना है. आपको विरोधी टीम के बॉलर्स को सम्मान देना होगा.'

फैसलाबाद टेस्ट ने बदल दी कहानी

गौरतलब है कि सचिन ने अपनी पहले टेस्ट में सिर्फ 15 ही रन बनाए थे, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों की नसीहत के बाद जब वो फैसलाबाद टेस्ट (Faisalabad Test) में उतरे तो जबरदस्त वापसी की. कराची के बाद फैसलाबाद टेस्ट की पहली पारी में मैंने 59 रन बनाए थे. जब मैं ड्रेसिंग रूम में लौटा तो मैं खुद से कहा, तूने ये कर दिखाया, तू ये कर सकता है.'

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