Neeraj Chopra: यार अब कितना लंबा फेंकोगे? चैंपियन जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने खुद को दिया नया टारगेट
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Neeraj Chopra: यार अब कितना लंबा फेंकोगे? चैंपियन जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने खुद को दिया नया टारगेट

Neeraj Chopra Target: नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक गेम्स से लेकर वर्ल्ड चैंपियनशिप तक, भारत का नाम रोशन किया है. इन दोनों में ही गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले भारत के इस सुपरस्टार जैवलिन थ्रोअर ने खुद के लिए नया टारगेट सेट किया है. बता दें कि नीरज ने तोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता था.

Neeraj Chopra: यार अब कितना लंबा फेंकोगे? चैंपियन जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने खुद को दिया नया टारगेट

Neeraj Chopra New Target : भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने ओलंपिक गेम्स से लेकर वर्ल्ड चैंपियनशिप तक, देश का नाम रोशन किया है. इन दोनों ही प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले इस सुपरस्टार ने अब खुद के लिए नया टारगेट सेट किया है. बता दें कि नीरज ने तोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता था.

अभी बेस्ट आना बाकी

ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को साफ तौर पर कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है. नीरज ने कहा कि अपनी तकनीक में सुधार करके वह अगले साल 90 मीटर की बाधा पार कर सकते हैं. इस साल वर्ल्ड चैंपियन बने चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने हाल ही में हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता.

90 मीटर है टारगेट!

चोपड़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है. मुझे लंबे समय तक किसी प्रतिस्पर्धा में ये महसूस नहीं हुआ कि मेरा बेस्ट या उसके आसपास है. छह सेंटीमीटर हासिल किया जा सकता है. स्टॉकहोम डायमंड लीग (जून 2022) में 89.94 मीटर का थ्रो फेंका था. उस समय मैं एक लाइन पीछे था. अगर थोड़ा आगे बढकर थ्रो फेंकता तो 90 मीटर जाता.’

तकनीक में करेंगे सुधार

हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले नीरज ने आगे कहा,  मेरे कोच का मानना है कि 60 प्रतिशत काम टांग का और बाकी ऊपरी शरीर का होता है. पैरों की भूमिका अहम है. मुझे इसमें सुधार करना होगा. लचीलेपन की कोई दिक्कत नहीं है. हाथ की रफ्तार अच्छी है. अगले साल अपनी तकनीक पर काम करूंगा. सब कुछ ठीक रहा और 100 प्रतिशत फिट रहा तो पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन अच्छा रहेगा.’ उन्होंने स्वीकार किया कि हांगझोउ एशियाई खेलों में उनकी तकनीक अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘हांगझोउ एशियन गेम्स में मेरी तकनीक ठीक नहीं थी. लेगवर्क अच्छा नहीं था लेकिन भुजाओं की रफ्तार अच्छी थी.’ (PTI से इनपुट)

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