Sports Ministry requests IOA: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के तुरंत बाद खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तदर्थ समिति गठित करने का अनुरोध किया. डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद बजरंग पूनिया ने कहा, 'मैं पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा.'
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Wrestling Federation of India: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने के तुरंत बाद खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तदर्थ समिति गठित करने का अनुरोध किया. डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद बजरंग पूनिया ने कहा, 'मैं पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा. कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों और बेटियों के सम्मान से बड़ा नहीं है, हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए.'
खेल मंत्रालय ने लिया तगड़ा एक्शन
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी. मंत्रालय ने आईओए को जल्द से जल्द पैनल गठित करने के लिए लिखा. आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखे पत्र में भारत सरकार के अवर सचिव तरूण पारीक के हस्ताक्षर हैं, जिसमें लिखा है, ‘डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारियों के प्रभाव और नियंत्रण से उत्पन्न मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूएफआई के संचालन और अखंडता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं.’
संजय सिंह ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी
इसमें लिखा गया, ‘खेल संगठनों में सुशासन के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए तुरंत और कड़े सुधारात्मक कदमों की जरूरत है इसलिए अब यह आईओए की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह डब्ल्यूएफआई के मामलों को देखने के लिए अंतरिम रूप से उचित व्यवस्था करे ताकि कुश्ती से संबंधित से खिलाड़ियों को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं हो और साथ ही सुशासन के सिद्धांत खतरे में नहीं पड़े.’ डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
साक्षी मलिक ने संन्यास लेने की घोषणा की थी
चुनाव से पहले डब्ल्यूएफआई का कामकाज आईओए द्वारा गठित तदर्थ संस्था देख रही थी. भूपेंदर सिंह बाजवा भारतीय वुशु महासंघ के अध्यक्ष पद के अलावा इस तदर्थ संस्था के प्रमुख थे. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था. बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था. इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी. (PTI से इनपुट)