China Real Estate Sector: नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) ने 70 शहरों की लिस्ट तैयार की है, जिसके मुताबिक पिछले एक महीने में सिर्फ 20 शहरों में ही नए घरों की कीमतों में उछाल देखा गया है. जबकि सिर्फ 6 शहरों में ही सेकंड हैंड घरों की कीमतें बढ़ी हैं. जबकि जून में कीमतें स्थिर थीं.
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Why China Homebuyers are Frustrated: चीन में रियल एस्टेट सेक्टर के हालत हर दिन के साथ बदतर होते जा रहे हैं. जुलाई के महीने में चीन के कई शहरों में मकानों की कीमतों में तेजी से गिरावट देखी गई. इस कारण प्रॉपर्टी सेक्टर पर लगातार कर्ज संकट गहराता जा रहा है.
नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) ने 70 शहरों की लिस्ट तैयार की है, जिसके मुताबिक पिछले एक महीने में सिर्फ 20 शहरों में ही नए घरों की कीमतों में उछाल देखा गया है. जबकि सिर्फ 6 शहरों में ही सेकंड हैंड घरों की कीमतें बढ़ी हैं. जबकि जून में कीमतें स्थिर थीं.
कई कंपनियों पर कर्ज का बोझ
एनबीएस के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा, 'मौजूदा वक्त में, रियल एस्टेट मार्केट एडजस्टमेंट स्टेज पर है और कुछ रियल एस्टेट कंपनियों को संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ नामी रियल एस्टेट कंपनियों पर कर्ज के बोझ का खुलासा हुआ है, जिस कारण मार्केट की उम्मीदों को धक्का लगा है.'
गौरतलब है कि चीन के प्रॉपर्टी सेक्टर में हाहाकार मचा हुआ है. हर दिन के साथ ही यह खतरा और बढ़ता जा रहा है. एनबीएस डेटा के मुताबिक, साल के पहले सात महीनों में रियल एस्टेट डेवेलपमेंट में कुल निवेश सालाना आधार पर 8.5 प्रतिशत गिरकर 6.77 ट्रिलियन युआन (943.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया है.
जुलाई में नए घरों की बिक्री 19 प्रतिशत गिर गई. कंट्री गार्डन होल्डिंग्स और चाइना वांके पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. वह दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए हैं. पिछले महीने बिक्री में साल-दर-साल 60 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
रियल एस्टेट सेक्टर का 30 फीसदी योगदान
चीन की इकोनॉमी में रियल एस्टेट सेक्टर का 30 फीसदी योगदान है. अगर चीन की रियल एस्टेट कंपनियां डूबीं तो चीन की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचेगी. चूंकि प्रोजेक्ट्स वक्त पर पूरे नहीं हो रहे हैं इसलिए खरीदारों में निराशा का भाव है. अधूरे प्रोजेक्ट्स में लोग पैसा लगाने से कतरा रहे हैं.
सितंबर 2022 के आंकड़ों को देखें तो प्रॉपर्टी मार्केट की ग्रोथ 26.8 परसेंट की कमी आई थी. चिंता की बात ये है कि चीन के प्रॉपर्टी क्राइसिस के कारण दुनिया में खलबली मची हुई है.
1998 के बाद आया था बूम
साल 1998 में जब चीन ने मार्केट में सुधार से जुड़े कदम उठाए, तब रियल एस्टेट सेक्टर में बूम देखा गया. मिडिल क्लास की तरफ से काफी मांग देखी गई, जिस कारण सेक्टर को और ताकत मिली. चूंकि बैंक से लोन मिलना आसान था इसलिए लोगों को फायदा मिला. बैंक सिर्फ खरीदारों ही नहीं बल्कि डेवलपर्स को भी जितना मुमकिन हो, लोन देने को तैयार थे.
जेपी मॉर्गन के मुताबिक,चीन के रिहायशी प्रॉपर्टी मार्केट में उम्मीद से ज्यादा तेजी से सिकुड़न देखी जा सकती है. अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक के मुताबिक, नए घरों की बिक्री की वैल्यू इस साल 10 प्रतिशत तक कम हो सकती है. पहले यह अनुमान 4 प्रतिशत तक का था.