Vyas Ji Basement: सर्वे के जरिए ज्ञानवापी (Gyanvapi) के सत्य की खोज की जा रही है. पिछले 3 दिन से लगातार सर्वे हो रहा है और 24 जुलाई को मिला दें तो अब तक 4 दिनों का सर्वे ASI कर चुकी है और ये आज भी जारी रहेगा. बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद से ज्ञानवापी में ASI की टीम सर्वे कर रही है. लेकिन इस मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. दरअसल हिंदू पक्ष सर्वे के दौरान मिली चीजों पर सनातन का दावा कर रहा है जिससे मुस्लिम पक्ष नकार रहा है. मुस्लिम का दावा है कि त्रिशूल, मूर्ति या आकृति मिलने की बातें सिर्फ अफवाह हैं. इसी वजह से मुस्लिम पक्ष ने एक बार फिर सर्वे के बहिष्कार की धमकी दी है. ज्ञानवापी के सर्वे का पहले भी मुस्लिम पक्ष ने बहिष्कार किया था. जब सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था तो मुस्लिम पक्ष ASI के सर्वे में शामिल हो गई. इसके बाद अब एक बार फिर मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से दूरी बनाने की धमकी दी है.


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व्यास जी के तहखाने की चर्चा क्यों?


ज्ञानवापी पर अपने-अपने दावों के बीच ज्ञानवापी पर ASI सर्वे की रिपोर्ट और कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार है. ASI की टीम लगातार इस काम में जुटी हुई है. रविवार को भी ASI की 41 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी की दो मुख्य जगहों पर फोकस कर करीब 7 घंटे सर्वे किया. पहला फोकस था मस्जिद के नीचे बना व्यास जी का तहखाना. शनिवार को जिस तहखाने में जांच हुई थी ये तहखाना उससे अलग था. व्यास जी के तहखाने में एक टीम जांच कर रही थी. वहीं ASI की टीम का फोकस ज्ञानवापी मस्जिद का गुंबद भी था.


ASI ने की गुंबद की नापजोख


ASI की टीम ने गुंबद की नापजोख की. गुंबद के चारों ओर के निर्माण को देखा गया. गुंबद और उसके आस-पास की निर्माण शैली भी देखी गई. ASI ने ये समझने की कोशिश की कि कहीं गुंबद और उसके आस-पास की बनावट में अंतर तो नहीं है. ज़ी मीडिया संवाददाता को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सर्वे टीम को गुंबद पर हिंदू धर्म से जुड़ी आकृति मिलने का दावा किया जा रहा है. इसके अलावा गुंबद की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई.


सवा साल से बंद था व्यास जी का तहखाना


ज्ञानवापी के इसी गुंबद से लगी दीवार पर हिंदू धर्म के दावों के सबूत मिलने की उम्मीद है. इसी दीवार को मस्जिद की पश्चिमी दीवार कहा जाता है. इसी दीवार पर हिंदू धर्म से जुड़े कई प्रतीक चिन्ह पिछले सर्वे के दौरान मिले हैं. बता दें कि गुंबद के साथ-साथ ASI का दूसरा फोकस ज्ञानवापी मस्जिद का एक और तहखाना था. सर्वे के दूसरे दिन जिस तहखाने में टीम गई थी. तीसरे दिन उससे अलग दूसरे तहखाने में ASI की टीम पहुंची. इसे व्यास जी का तहखाना कहा जाता है. व्यास जी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे बना कमरा है. व्यासजी का तहखाना पिछले सवा साल से बंद था इसलिए उसमें गंदगी थी.


व्यास जी के तहखाने में क्या मिला?


सर्वे टीम ने तहखाने की साफ-सफाई कराई. ASI की टीम तहखाने में अपना सर्वे तो कर रही है. लेकिन उस तहखाने में क्या-क्या हो सकता है ये सर्वे टीम के साथ-साथ वाराणसी के लोगों के लिए कल दिनभर चर्चा का विषय बना रहा. व्यास जी के तहखाने में मिट्टी का ढेर है. उस मिट्टी के ढेर में क्या दबा है ये मिट्टी हटाने के बाद ही पता चलेगा. दावा किया जा रहा है तहखाने में पत्थर की मूर्ति जैसी आकृति मिली है. हालांकि हिंदू पक्ष इसे खारिज कर रहा है. दावा किया जा रहा है कि तहखाने में पूजा के कलश भी हैं.  तहखाने में पुरानी शैली के खंभे होने का भी दावा है. दीवारों पर मूर्तियां मिलने का अनुमान भी जताया गया है.