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जीवन संवाद
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डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: सबको बदलने की जिद!
किसी से मिलते ही हम उसे ‘जैसा है’, उसकी जगह ‘जैसा चाहिए’ बनाने में लग जाते हैं. बदलने की जिद में हम खुद को भुलाने लगते हैं. जो जैसा है, उसे उसी भाव से ग्रहण करना, रिश्तों को तनाव से बचाने में ‘टॉनिक’ का काम करता है.
Mar 5,2019, 8:32 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: ओ! सुख कल आना…
हम छोटे होते हैं तो सुख को स्थगित नहीं करते. उसे जीते हैं. हम उसे नहीं कहते, ‘ओ ! सुख कल आना.’
Mar 4,2019, 8:38 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: यकीन रखें, यह भी गुजर जाएगा…
फैसला लेते समय डरिए मत, याद रखिए गलत निर्णय भी अनिर्णय से लाख गुना बेहतर है. इसमें कुछ न करने के अपराधबोध से हम पूरी जिंदगी आजाद रहते हैं.
Feb 28,2019, 8:47 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: मित्रता की नई ‘महफिल’!
अपनों से मिलिए, संवाद कीजिए. ख्याल रखना और करना एक संक्रामक आदत है. जितना अधिक इसका उपयोग किया जाएगा, यह उतना ही असर दिखाएगी.
Feb 27,2019, 9:51 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: यह दीवार कैसे टूटेगी!
हम मनुष्य के सामाजिक प्राणी होने के मूल गुण से पहली बार इतनी दूर निकलते दिखाई दे रहे हैं. हर चीज को बस वर्चुअल दुनिया के पैमाने से देखा जा रहा है.
Feb 25,2019, 9:11 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: गंभीरता और स्नेह!
बच्चों के हृदय को जितना संभव हो स्नेह, प्रेम, आत्मीयता से भरा जाए. यही प्रेम मूल को ‘सूद’ के साथ लौटाकर लाएगा.
Feb 22,2019, 8:35 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: दर्द के सहयात्री!
दर्द से उबरना भी एक उपचार है. अगर सही तरह से दुख से बाहर नहीं निकला जाए तो यह ताउम्र अमरबेल की तरह हमारी आत्मा पर सवार रहता है.
Feb 21,2019, 8:06 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: बच्चे को 'न' कहना!
बच्चे जितने प्रेम, स्नेह से न सुनेंगे. उसे ग्रहण करेंगे, जीवन में संघर्ष की धूप का सामना भी उतनी ही आसानी से कर पाएंगे.
Feb 19,2019, 8:55 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: प्रेम दृष्टिकोण है…
हम अपने जीवन को सुखद, सरल, सरस बनाना चाहते हैं, तो प्रेम को अपना स्वभाव बनाना होगा. उसको दूसरों के नजरिए, स्वभाव के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता!
Feb 18,2019, 8:50 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: बच्चों के बिना घर!
बच्चों के पढ़ाई के लिए बाहर जाते ही माता-पिता में खालीपन देखा जा रहा है. जैसे किसी ने उनकी मुस्कान गिरवी रख दी हो कि खुश रहना मना है.
Feb 15,2019, 8:52 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: रास्ता बुनना!
जिंदगी के प्रति थोड़ी कंजूसी भी जरूरी है, जिससे इसे दूसरों से नफरत, असहमति के नाम पर खर्च होने से बचाया जा सके!
Feb 14,2019, 11:37 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: ‘ कड़वे ’ की याद!
हम अपनी बहुत ‘छोटी’ दुनिया के अनुभव को जब बहुत बड़ी धरती पर लागू करने की कोशिश करते हैं, तो इससे हमारा दृष्टिकोण बहुत बाधित होता जाता है.
Feb 13,2019, 9:47 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: दुख को संभालना!
हमने बेटियों की शिक्षा की ओर तो कदम बढ़ा दिया, लेकिन लड़के हमारे वैसे ही रह गए. उनका रवैया, नजरिया, सोच अभी भी सामंती है. पुरातन है. उसमें नई हवा के झोंके बहुत कम हैं!
Feb 8,2019, 8:45 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: प्रेम का रोग होना!
मैंने बहुत सोचा कि 'डियर जिंदगी' में इस कहानी को लिखा जाए, छोड़ दिया जाए. फिर तय किया कि कहना चाहिए, क्योंकि इस पर तंज अधिक कसे जाते हैं, बात सबसे कम होती हैं!
Feb 6,2019, 8:51 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: परिवर्तन से प्रेम!
बाहरी नहीं, भीतरी चुनौती हमें अक्सर डराती है. यह अपनों से ही मिलती है. ऐसे में सबसे जरूरी इरादों पर डटे रहना, हार नहीं मानना है. सपनों, परिवर्तन के प्रति आस्था ही असली पूंजी है!
Feb 5,2019, 8:24 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: रेगिस्तान होने से बचना!
शहर में हमारे घर आंगन एक दूसरे से इतने अलग और बंटे हुए हैं कि कब वहां सुख और दुख 'हमारे' ना होकर 'मेरे और तुम्हारे' में बदल जाते हैं, हम नहीं समझ पाते.
Jan 31,2019, 8:30 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: ‘ऐसा होता आया है’ से मुक्ति!
जिंदगी में कुछ भी हासिल करने का संबंध केवल योग्यता से नहीं. उस योग्यता को साहस, डटे रहने और हिम्मत नहीं हारने का साथ सबसे जरूरी है!
Jan 30,2019, 8:23 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: कुछ धीमा हो जाए...
धीमा होना कोई खराब चीज़ नहीं. न चलना ठीक नहीं. लेकिन धीमे होने में कोई बुराई नहीं. सबसे जरूरी केवल चलते जाना है!
Jan 29,2019, 8:17 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: मन को मत जलाइए, कह दीजिए !
आपको जिससे भी परेशानी है , उससे बात कीजिए. अपनी बात सही तरीके से, लेकिन शांति, सौम्यता से रखिए.
Jan 28,2019, 10:57 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: 'कम' नंबर वाले बच्चे की तरफ से!
अपने बच्चे को हम सबसे बेहतर बनाना चाहते हैं. हम उसे वह बनाना चाहते हैं, जो हम कभी नहीं बन पाए!
Jan 25,2019, 8:44 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: चलिए, माफ किया जाए!
प्रेम को बचाए, बनाए रखने के लिए हमेशा जान देने की जरूरत नहीं होती, उसे ‘शांतिकाल’ में भी स्नेह चाहिए. माफी की आदत जितनी जल्दी हमारा स्वभाव बनेगी, हम तनाव, कुंठा से उतनी जल्दी बाहर निकलेंगे.
Jan 24,2019, 9:11 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: शोर नहीं संकेत पर जोर!
हम असल में क्या चाहते हैं, उस तक बहुत कम पहुंच पाते हैं. अपनी मंजिलों से हम अक्सर दूसरों के आकर्षण में भटकते हैं!
Jan 23,2019, 8:27 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: विश्वास के भरोसे का टूटना !
जिंदगी का हिसाब ‘टुकड़े-टुकड़े’ में नहीं रखा जाता. इसके मायने हमेशा संपूर्णता में ग्रहण किए जाने चाहिए.
Jan 22,2019, 10:12 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: अगर तुम न होते!
तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, सगाई के बाद शादी टूटने जैसी स्थितियों के लिए समाज अब तक तैयार नहीं है. सिनेमा में यह रंग खूब भाते हैं, लेकिन जैसे ही हमारे सामने आते हैं, हम असहज हो जाते हैं!
Jan 18,2019, 9:39 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: हम कैसे बदलेंगे!
परंपरा, ‘ऐसा होता आया है’ के आधार पर जब तक हम चीज़ों को बुनते रहेंगे, वह अपने होने के अर्थ तक नहीं पहुंच सकतीं.
Jan 17,2019, 9:39 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: किससे डरते हैं !
अतीत , करियर, रिश्ते अब तक कैसे भी रहे हों, लेकिन अब भी जो बचा है, वह अनमोल है. बची जिंदगी को सार्थक, खुशनुमा बनाना हमारे बस में है. यह हमसे कोई नहीं छीन सकता!
Jan 16,2019, 8:20 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: दोनों का सही होना!
एक-दूसरे के लिए ‘जगह’ निकाल पाना इतना मुश्किल भी नहीं. मतभेद के साथ सम्मान की कला जिंदगी के सुख का सबसे बड़ा आधार है.
Jan 15,2019, 9:11 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: अतीत के धागे!
दूसरों की जिंदगी आसान बनाने में जितनी मदद कर सकते हैं, करें. क्योंकि अपनी जिंदगी आसान बनाने का यही सबसे सरल तरीका है.
Jan 14,2019, 10:11 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: सुसाइड के भंवर से बचे बच्चे की चिट्ठी!
जिंदगी किसी भी अनुभव से बड़ी है. जिंदगी है तो अनुभव हैं. इसलिए जिंदगी का साथ देना है. हर मुश्किल में. इसे अकेला नहीं छोड़ना. ‘डियर जिंदगी’ जीवन के प्रति शुभकामना है. इसे हमेशा अपने पास महसूस कीजिए!
Jan 10,2019, 9:21 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: साथ रहते हुए ‘अकेले’ की स्वतंत्रता!
विवाह को लेकर वर पक्ष का रवैया अब तक नहीं बदला. वर पक्ष की 'श्रेष्ठता ग्रंथि' जब तक नहीं बदलेगी, इस रिश्ते में ऊर्जा, स्नेह से भरी कोपलें नहीं खिलेंगी.
Jan 9,2019, 10:11 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: स्वयं को दूसरे की सजा कब तक!
जिंदगी में सब कुछ नियंत्रण में होना संभव नहीं. हमें हर चीज के लिए दूसरों को दोष देने, खुद को कोसते रहने की जगह नई ‘कोपल’ की तरह मुश्किलों के बाद भी खिलने की कोशिश करनी चाहिए.
Jan 8,2019, 8:47 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: जो बिल्कुल मेरा अपना है!
सबकी खूबियों का सम्मान कीजिए, लेकिन अपने को भी बचाए रखिए. यह आपका होना, आपके अस्तित्व के लिए सबसे जरूरी है.
Jan 7,2019, 9:22 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: असफल बच्चे के साथ!
बच्चों की परवरिश में अपेक्षा जितनी कम होगी, वह अपने नैसर्गिक गुण के उतने अधिक नजदीक होंगे. तनाव, डिप्रेशन उन्हें कम से कम छू पाएंगे!
Jan 4,2019, 10:17 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: ‘चुपके से’ कहां गया!
अपने प्रेम संबंध के लिए भी हमने सोशल मीडिया को सबसे बड़ा मंच बना दिया. मन जुड़ने से लेकर ‘तार-टूटने’ तक की सूचना अब अभिभावक को भी यहीं मिलती है!
Dec 27,2018, 9:36 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी : जो तुम्हें अपने करीब ले जाए...
हम भूल रहे हैं कि मिट्टी का घड़ा, फ्रिज नहीं. फ्रिज का पानी लाख ठंडा हो, लेकिन उसमें मिट्टी का स्वाद नहीं. हमें अपनी मिट्टी के स्वाद को खजाने की तरह सहेजना है. इसमें ही जीवन की सुगंध है.
Dec 25,2018, 7:39 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: हम जैसे हैं !
इंटरनेट ने हमारी सोच, समझ, चेतना पर इस तरह कब्जा कर लिया है कि सहज बुद्धि, सोच, चिंतन ‘बेघर’ हो गए.
Dec 24,2018, 9:45 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी : जब ‘सुर’ न मिलें…
भरपूर विविधता के बाद भी हमारी अंतर्यात्रा, अवचेतन के सुर कहीं न कहीं मिलते ही हैं. अपरिचितों के यही सुर जब आपस में मिल जाते हैं, तो वह 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' से होते हुए, ‘हमारा’ सुर बन जाते हैं. इससे ही जिंदगी प्रिय होगी.
Dec 21,2018, 9:17 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: अभिभावक का समय!
अगर आपने माता-पिता को अपने केंद्र से बाहर कर दिया तो यकीन मानिए आप अपने बच्चों के केंद्र में कभी नहीं रह पाएंगे.
Dec 20,2018, 9:22 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: रिश्तों के फूल और कांटे!
रिश्ते जिस तरह की धूप में खिलते हैं, कुछ वैसी ही धूप में कुम्हलाते भी हैं. हमें उस ‘कैमिस्ट्री ‘को समझने की जरूरत है, जिनसे रिश्तों को विटामिन मिलता है!
Dec 19,2018, 9:38 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: ‘गंभीर’ परवरिश !
हम परवरिश कैसे करते हैं ! अपनी परवरिश के आधार पर. जैसी सब कर रहे हैं. उनके जैसे. जो भी हमें याद है, जो मेरी समझ है, उसके आधार पर!
Dec 14,2018, 8:07 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: समझते क्यों नहीं!
किसी को समझना बारिश की बूंदों में भीगने जैसा आसान होने के साथ, हिमालय की चढ़ाई करने जितना मुश्किल भी है!
Dec 13,2018, 8:29 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: अप्रिय की जुगाली!
हम अप्रिय चीजों में ऐसे उलझे रहते हैं कि जीवन में तनाव, बुरी यादों का अनजाने में संग्रह करते रहते हैं. अप्रिय की जुगाली एक लत की तरह मन को अस्वस्थ, खोखला करती रहती है
Dec 11,2018, 8:31 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: खुशहाली के ख्वाब और 'रेगिस्तान'!
जिंदगी को सारा अंतर इससे पड़ता है कि आपका चीजों के प्रति नजरिया कैसा है! आपका दृष्टिकोण ही सब कुछ है. इसलिए, उसे सहेजिए, संभालिए.
Dec 6,2018, 8:50 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: पापा की चिट्ठी!
हम बच्चों को उतनी आजादी भी नहीं दे रहे जो हमें अपने माता-पिता से विरासत में मिली थी. हमारी अपेक्षा का बोझ उनके कोमल मन को हर दिन कठोर, रूखा बना रहा है!
Dec 4,2018, 8:04 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: सबके साथ होने का भ्रम!
सबसे मिलना-जुलना, गप्पे हांकना सब मोबाइल की कोठरी में कैद हो गया है! सोशल मीडिया पर दूसरों के साथ होने का भ्रम धीरे-धीरे मनोरोग में बदल गया है.
Nov 30,2018, 7:52 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: आत्महत्या से कुछ नहीं बदलता!
घुटन के बुलबुले जो पहले आसानी से पकड़ में आ जाते थे, अब तभी नजर में आते हैं, जब उसकी 'खराश' दिल को छलनी कर देती है.
Nov 29,2018, 7:39 AM IST
डियर जिंदगी
डियर जिंदगी: बड़े ‘होते’ हुए…
लोगों का बदला व्यवहार आपको दुखी करे, तो हमेशा समंदर के सूत्र को याद कीजिएगा! वहां से आशा की नौका मिलेगी, जो सुरक्षित तट तक पहुंचा देगी!
Nov 28,2018, 8:06 AM IST
Dear Zindagi
डियर जिंदगी : मित्र 'संतोष' लापतागंज से लौट आओ, कोई कुछ नहीं कहेगा...
यह कोई प्राचीन समय की कथा नहीं है, जब 'संतोष' के बारे में स्कूल, समाज में समझाया, पढ़ाया जाता था. उस 'संतोष' का साथ जिंदगी से कभी-कभार ही छूटता था. 'संतोष' के मायने थे, अपनी कोशिश से संतुष्ट रहना. दूसरों की चीजों को देखकर उसकी कामना में तो कोई बुराई नहीं लेकिन हां, उससे जलन, ईर्ष्या की मनाही थी. हमें 'संतोष' का पाठ पढ़ाने वाली शिक्षा का नाम नैतिक शिक्षा होता था. कुछ राज्यों में इसे सहायक वाचन के नाम से भी जाना जाता था.
Jul 10,2017, 17:08 PM IST
Dear Zindagi
डियर जिंदगी : घर के द्वार खुले हैं, लेकिन अंदर आने से पहले...
महानगर में शुक्रवार खास है, क्योंकि उसके बाद बच्चों को माता-पिता के दर्शन होने की संभावना रहती है. पहले पांच दिन तो काजी लोगों के लिए कुछ ऐसे हैं, मानो घर पर वह बस 'संडे' वाले पापा/मम्मी हैं. जो शनिवार, रविवार को ही प्रकट होते हैं. जिंदगी में तनाव, रिश्तों में अबोला, काम का बोझ और संबंधों में पाखंड इतना बढ़ गया है कि दो दिन जब 'फाइव' डे वर्किंग वाले लोग घर पर हैं, तो भी वह पूरी तरह से घर पर हैं, इस पर भरोसा करना आसान नहीं है.
Jul 7,2017, 17:55 PM IST
Dear Zindagi
डियर जिंदगी : अपनी सोच को बंधनों से मुक्त कीजिए...
क्या हैं, वही जो हमारा विचार है. वैसा, जैसा हम सोचते हैं. धीरे-धीरे हम अपने विचारों जैसे होने लगते हैं. स्कूल हमारी सोच का सबसे पहला केंद्र होता है. इसीलिए हम जीवन भर स्कूल की छाया से मुक्त नहीं हो पाते. इस छाया की सबसे अधिक सज़ा बच्चों को एक जैसा सोचने, अपनी सीमाएं जानने और अपनी हद में रहने के रूप में मिलती है. जब हम छोटे थे, हमें लगता था आने वाले समय में स्कूल बेहतर होंगे, शायद वह बच्चों को सलीके से समझने की कोशिश करेंगे लेकिन सब उलट गया. स्कूल अपने को अच्छा बिज़नेस हाउस बनाने में जुट गए... तो बच्चों के दिशा नहीं भटकने की गारंटी कौन लेगा.
Jul 6,2017, 16:04 PM IST
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