Google का कहना है कि ये नया AI मॉडल प्रोटीन, DNA, RNA जैसे शरीर के छोटे से छोटे मॉलिक्यूल्स की बनावट और उनके काम करने के तरीके को पहले से कहीं ज्यादा सटीक तरीके से बता सकता है.
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Google की DeepMind टीम AI से जुड़ी चीज़ों को और बेहतर बनाने में लगी हुई है. इनकी नई खोज का नाम AlphaFold 3 है. ये नया AI मॉडल हमारे शरीर को समझने में काफी मदद करेगा और नई दवाइयां और बीमारियों का इलाज ढूंढने में तेज़ी लाएगा. Google का कहना है कि ये नया AI मॉडल प्रोटीन, DNA, RNA जैसे शरीर के छोटे से छोटे मॉलिक्यूल्स की बनावट और उनके काम करने के तरीके को पहले से कहीं ज्यादा सटीक तरीके से बता सकता है.
बनाएगा मॉलिक्यूल्स की 3D इमेज
AlphaFold 3 असल में एक नया AI मॉडल है जो हमारे शरीर के छोटे से छोटे मॉल्यूकूल्स, जैसे प्रोटीन, DNA और RNA को समझने में मदद करता है. ये मॉलिक्यूल मिलकर हमारे शरीर को बनाते हैं और बीमारियों से लड़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. AlphaFold 3 की खासियत ये है कि ये इन मॉलिक्यूल्स की 3D तस्वीर बना सकता है, जिससे वैज्ञानिकों को ये पता चल पाता है कि ये मॉलिक्यूल कैसे काम करते हैं और आपस में कैसे मिलकर काम करते हैं. इससे डॉक्टरों को नई दवाइयां बनाने और बीमारियों का इलाज खोजने में काफी मदद मिलेगी.
AlphaFold 3 क्यों है अलग?
AlphaFold 3 एक नया और बेहतर AI मॉडल है. ये उसी पुराने AlphaFold 2 मॉडल को और आगे ले जाता है, जिसे Google ने 2020 में लॉन्च किया था. AlphaFold 2 ने प्रोटीन की बनावट को समझने में काफी तरक्की दिखाई थी. लेकिन अब AlphaFold 3 सिर्फ प्रोटीन तक सीमित नहीं है. ये हमारे शरीर के और भी छोटे मॉलिक्यूल्स, जैसे DNA, RNA और दवाइयों के असर करने वाले छोटे मॉलिक्यूल्स की भी बनावट बता सकता है. इससे वैज्ञानिकों को ये समझने में मदद मिलेगी कि ये सारे मॉलिक्यूल आपस में मिलकर कैसे काम करते हैं. ये ऐसा है मानो अब वो पूरी सेल को एक साथ देख सकते हैं, जिससे बीमारियों को ठीक करने और नई दवाइयां बनाने में काफी मदद मिलेगी.
Google चाहता है कि AlphaFold 3 का फायदा ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक उठा सकें. इसलिए उन्होंने एक फ्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म "AlphaFold Server" लॉन्च किया है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक नॉन-कमर्शियल रिसर्च के लिए AlphaFold 3 का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ह्यूमन बॉडी तक ही सीमित नहीं
AlphaFold 3 की क्षमता सिर्फ इंसानों के शरीर तक ही सीमित नहीं है. इसकी मदद से वैज्ञानिक पौधों को भी स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. ये नया AI मॉडल बता सकता है कि कुछ खास एंजाइम (एक तरह का प्रोटीन) पौधों के कोशिकाओं के साथ कैसे मिलकर काम करते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल करके वैज्ञानिक खेती के नए तरीके खोज सकते हैं और भोजन की कमी को दूर करने में मदद कर सकते हैं.