गूगल की तरफ से तैयार किए गए एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है. अगर आपके फोन में भी एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम है तो यह खबर आप जरूर ध्यान से पढ़ें.
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नई दिल्ली : गूगल की तरफ से तैयार किए गए एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है. अगर आपके फोन में भी एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम है तो यह खबर आप जरूर ध्यान से पढ़ें. एंड्रायड के इतने बड़ी संख्या यूजर्स होने के बावजूद भी यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. पिछले दिनों भी गूगल ने अपने प्ले स्टोर से वायरस फैलाने वाले 22 एप को हटाया था. एक बार फिर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने पाया है कि सैकड़ों मोबाइल एप में मालवेयर और एडवेयर छिपा हुआ है. सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट के अनुसार इन एप्स को 15 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स ने गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया हुआ है.
200 से ज्यादा एप पर असर डाला
मालवेयर डबड सिमबैड (Dubbed SimBad) ने एड सर्विसिंग प्लेटफॉर्म के फार्मेट में 200 से ज्यादा एप पर असर डाला है. सिक्युरिटी रिसर्चर्स ने पाया कि इन एप को डेवलप करने वाले डेवलपर को भी नहीं पता होगा कि उन्होंने एप में क्या छिपाया है. इस मॉलवेयर में गूगल के स्कैनिंग सिस्टम को चकमा देने की भी क्षमता है. वहीं टेक क्रंच का कहना है कि एक बार यह मॉलवेयर आपके फोन में इंस्टॉल होने के बाद एप के आइकन को हटा भी सकता है और फोन की बैकग्राउंड में चलता रहेगा.
सिक्योरिटी रिसर्चर ने गूगल को दी लिस्ट
इतना ही नहीं मॉलवेयर कमांड और कंट्रोल सर्वर से इंस्ट्रक्शन मिलने के बाद बैकग्राउंड में वेब एड्रेस रन करके एड दिखा सकता है और गलत तरीके से रेवेन्यू जेनरेट कर सकता है. सिक्योरिटी रिसर्चर ने इससे प्रभावित होने वाले एप की लिस्ट गूगल को दी है. इसके बाद गूगल ने इन सभी एप को प्ले स्टोर से हटा दिया है. गूगल की तरफ से इन एप को प्ले स्टोर से हटाए जाने के बावजूद ये यूजर के फोन में अभी भी मौजूद हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार टॉप 10 डाउनलोड होने वाले गेम को करीब 55 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है. इनमें स्नो हैवी एक्सावेटर सिमुलेटर, होवरबोर्ड रेसिंग और रियल ट्रैक्टर फार्मिंग सिमुलेटर जैसे एप प्रमुख रूप से शामिल हैं.