Google Using AI to Cyber Attacks: गूगल ने एक नया AI टूल बनाया है जो साइबर स्कैम के खतरे को कम करने में मदद करेगा. गूगल का थ्रेट इंटेलिजेंस टूल जेमिनी AI की ताकत का इस्तेमाल करता है और साइबर सुरक्षा पेशेवरों को भविष्य के साइबर हमलों के लिए भविष्यवाणी करता है.
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Google against Cyber Scams: गूगल साइबर स्कैम के खिलाफ लड़ाई में आगे बढ़ रहा है और इसी वजह से उसने एक नया AI टूल बनाया है जो इस खतरे को कम करने में मदद करेगा. गूगल का थ्रेट इंटेलिजेंस टूल जेमिनी AI की ताकत का इस्तेमाल करता है और साइबर सुरक्षा पेशेवरों को भविष्य के साइबर हमलों के लिए भविष्यवाणी और उन्हें रोकने में मदद करता है. यह खतरनाक मालवेयर को डिक्रिप्ट करने के लिए AI की मदद लेता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
कैसे काम करता है ये टूल?
गूगल टूल को चलाने के लिए जेमिनी AI का उपयोग कर रहा है. जेमिनी प्रो 1.5 वर्जन के इस्तेमाल से कंपनी को साइबर खतरों पर डेटा के विशाल संग्रह को स्कैन करने की अनुमति मिलती है जिसमें रिपोर्ट किए गए या डिसकवर किए गए सभी खतरनाक मालवेयर शामिल हैं. गूगल इस टूल की मदद से ढेर सारे डाटा को स्कैन करता है, जिसमें अब तक सामने आए खतरनाक वायरसों की जानकारी शामिल है.
एआई मॉडल मालवेयर कोड का जल्दी विश्लेषण करने में सक्षम है और साथ ही तेजी से समाधान भी प्रस्तुत करता है. Google का दावा है कि जेमिनी प्रो AI 34 सेकंड में खतरनाक WannCry मैलवेयर के कोड को पूरी तरह से डीकंपाइल करने में सक्षम था और इसे रोकने के लिए किलस्विच भी दे सकता था.
भविष्य के साइबर हमलों की जानकारी देता है ये टूल
इस टूल की खास बात ये है कि ये सिर्फ मौजूदा वायरस ही नहीं, बल्कि भविष्य में होने वाले साइबर हमलों के बारे में भी जानकारी दे सकता है. इस तरह ये करोड़ों लोगों को परेशानी से बचा सकता है. भविष्य के साइबर खतरों का पता लगाने की शक्ति लाखों लोगों को बड़ी समस्याओं से बचने में मदद करेगी और गूगल इसमें सबसे आगे रहना चाहता है.
गूगल हाल ही में खरीदे गए मैंडिएंट की विशेषज्ञता का भी उपयोग कर रहा है ताकि इस तरह के कार्यों और टूल को विकसित किया जा सके. हम उम्मीद कर रहे हैं कि नया AI साइबर टूल गूगल और लाखों लोगों को आगे के साइबर हमलों से बचने में मदद करेगा.