हाई सिक्योरिटी के बावजूद कैसे लीक हो जाती है WhatsApp चैट? जानें कहां होती है सबसे बड़ी गड़बड़ी
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हाई सिक्योरिटी के बावजूद कैसे लीक हो जाती है WhatsApp चैट? जानें कहां होती है सबसे बड़ी गड़बड़ी

WhatsApp के करोड़ों यूजर्स हैं. दुनिया के हर कोने में हर दिन अरबों-करोड़ों मैसेज होते होंगे. ऐसे में सवाल है कि WhatsApp इन सभी मैसेज को सुरक्षित कैसे रखता है. अब कंपनी कहती है कि वह किसी का मैसेज नहीं पढ़ती क्योंकि लोगों के मैसेज इनक्रिप्टेड (Encrypted) होते हैं.

हाई सिक्योरिटी के बावजूद कैसे लीक हो जाती है WhatsApp चैट? जानें कहां होती है सबसे बड़ी गड़बड़ी

नई दिल्ली: WhatsApp के करोड़ों यूजर्स हैं. दुनिया के हर कोने में हर दिन अरबों-करोड़ों मैसेज होते होंगे. ऐसे में सवाल है कि WhatsApp इन सभी मैसेज को सुरक्षित कैसे रखता है. अब कंपनी कहती है कि वह किसी का मैसेज नहीं पढ़ती क्योंकि लोगों के मैसेज इनक्रिप्टेड (Encrypted) होते हैं. एंड-टू-एंड यूजर (end-to-end) को ही देखने-सुनने में आते हैं. तब सवाल यह भी उठता है कि आखिर ये चैट्स लीक कैसे हो जाते हैं फिर? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.

Google Drive पर बैकअप
दरअसल WhatsApp चैट्स का बैकअप गूगल ड्राइव पर जाता है. आप खुद अपनी Email ID से इसे लिंक करते हैं. WhatsApp के चैट बैकअप सेटिंग्स में जा कर आप इसे देख सकते हैं. ज्यादातर लोग चैट का Auto बैकअप रखते हैं ताकि समय समय पर चैट्स का बैकअप गूगल ड्राइव में जाता रहे. इससे पुराने चैट्स ढूंढने और फोन बदलते समय इसे रिस्टोर करने में आसानी होती है. दिक्कत यहीं पर है और लीक की वजह भी यही है.

Google Drive पर End-to-end encrypted
WhatsApp चैट्स तो End-to-end encrypted है, लेकिन गूगल ड्राइव पर जो चैट का बैकअप गया है वो End-to-end encrypted नहीं है. चैट्स में जो भी फोटोज या वीडियोज हैं सबकुछ गूगल ड्राइव पर स्टोर होते रहते हैं. ऐसे में अगर यूजर का Gmail Account ऐक्सेस कर लिया जाए तो तमाम चैट हिस्ट्री और बैकअप सहित फोटोजा हासिल हो जाते हैं. ज्यादर मामलों में यही बात निकल कर आई है कि चैट बैकअप की वजह से प्राइवेट फोटोज लीक हो गए.

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कैसे काम करता है End-to-end encrypted
मान लीजिए कि यदि आप वाह्टसअप पर किसी को 'हैलो' का मैसेज करते हैं. आपके द्वारा 'हैलो' सेंड करते ही यह शब्द मशीनी कोड में बदल जाता है. यानि कि यह मशीनी भाषा में 'एन्क्रिप्ट' हो जाता है. दूसरे एंड पर जिस व्यक्ति को यह भेजा जाता है वहां पर यह 'डिक्रिप्ट' होता है. यानि कि यह कोड फिर 'हैलो' में बदल जाएगा. भेजे जाने वाले व्यक्ति से लेकर इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति तक की यह यात्रा 'कोड' के रूप में होती है. रास्ते में यदि कोई इसे हैक भी कर लेता है तो वह उस संदेश को डिकोड नहीं कर पाएगा. इस तरह से वाट्सएप का 'एंट टू एंड एन्क्रिप्शन' यूजर्स की निजता एवं बातचीत एवं डेटा की सुरक्षा करता है.

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