Indian Railway: यात्रियों के लिए बुरी खबर, ऑनलाइन लीक हुआ करोड़ों IRCTC यूजर्स का डेटा!
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Indian Railway: यात्रियों के लिए बुरी खबर, ऑनलाइन लीक हुआ करोड़ों IRCTC यूजर्स का डेटा!

Indian Railway data leak: भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए एक बुरी खबर है. करोड़ों यूजर्स का डेटा ऑनलाइन कर दिया गया है. एक हैकर ने इस बात की जानकारी शेयर की है. दावा है कि हैकर्स ने करोड़ों यूजर्स के ईमेल, मोबाइल नंबर, पता, उम्र का डेटा हासिल कर लिया है.

 

Indian Railway: यात्रियों के लिए बुरी खबर, ऑनलाइन लीक हुआ करोड़ों IRCTC यूजर्स का डेटा!

Indian Railway data leak: ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारतीय रलवे के 3 करोड़ यूजर्स का डेटा ऑनलाइन लीक हो गया है. एक हैकर ने डार्क वेब पर डेटा को बिक्री के लिए रखा है. टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि हैकर्स ने करोड़ों यूजर्स के ईमेल, मोबाइल नंबर, पता, उम्र का डेटा हासिल कर लिया है. आज तक की खबर के मुताबिक, रेलवे की ओर से इस डेटा लीक पर आधिकारिक जानकारी दी गई है. रेलवे बोर्ड ने CERT-In को अलर्ट भेजा था. जांच करने के बाद पता चला कि डार्क वेब पर जो लीक डेटा का सैम्पल मौजूद है, वो IRCTC के API हिस्ट्री से मैच नहीं कर रहा है. ऐसे में IRCTC के सर्वर से लीक नहीं हुआ है. इसके अलावा IRCTC के बिजनेस पार्टनर्स को जांच के लिए कहा गया है.

क्या है हैकर का दावा

हैकर का दावा है कि उसने इंडियन रेलवे पेसेंजर्स की ट्रैवल हिस्ट्री और इनवॉयस को भी लीक किया है. यूजर्स की इन जानकारी के अलावा बुकिंग डेटा को भी शामिल है. बताया गया है कि डार्क वेब पर एक खरीदार को सिर्फ 5 कॉपी ही प्राप्त करने में सक्षम होगा, इसके लिए 400 डॉलर चार्ज किए जा रहे हैं. इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डेटा के एक्सल्यूजिव एक्सेस के लिए खरीदार को 1500 से 2000 डॉलर का भुगतान करना होगा. 

हैकर फोरम पर किया गया पोस्ट

यह डेटा ब्रीच कथित तौर पर 27 दिसंबर को हुआ था. हैकर फोरम पर डेटा लीक के बारे में पोस्ट किया है. इसे 'शैडो हैकर' नाम के किसी व्यक्ति ने पोस्ट किया है, जो नाम फर्जी लग रहा है. उसका दावा है कि उसने कई सरकारी विभाग के लोगों के ईमेल अकाउंट भी प्राप्त किए हैं. इस बात की जानकारी नहीं है कि हैकर ग्रुप IRCTC डेटा तक कैसे पहुंच गया. साइबर सिक्योरिटी फर्म्स ने डेटा ब्रीच के बारे में कुछ कंफर्म नहीं किया है. 

2019 में भी हुआ था डेटा लीक

ठीक ऐसी ही डेटा ब्रीच साल 2019 में हुई थी, उस वक्त करीब 9 मिलियन लोगों का डेटा ऑनलाइन लीक हुआ था. उसके बाद सरकार ने रिवाइज्ड डेटा प्रोटेक्शन बिल के तहत डेटा ब्रीच के लिए 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने की घोषणा की थी. 

बचने के लिए क्या करें

अगर आप डेटा को बचाना चाहते हैं तो किसी भी व्यक्ति से डेटा शेयर न करें. भले ही आपको सामने वाले पर विश्वास हो. हैकर्स आपका पैसा और डेटा चुराने के लिए नई तरकीब निकालते रहते हैं. इसलिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान भी सावधान रहें. 

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