ट्रूकॉलर एप एक ऐसी एप है जो लगभग हर किसी के फोन में होती है. अब ट्रूकॉलर को टक्कर देने उसी का भारतीय वर्जन आ गया है जिसका नाम है भारतकॉलर. आइए इस एप के बारे में और जानें...
Trending Photos
नई दिल्ली. आज के समय में हर चीज के लिए एक एप है. शॉपिंग करने से लेकर डॉक्टर के अपॉइन्ट्मेंट तक, आप सब कुछ एक क्लिक से कर सकते हैं. और जैसे-जैसे मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ रही है, एक ही काम के लिए बहुत सारे लोग एप बना रहे हैं. हमारा देश भी अब इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए भारत में भी कई सारी एप्स बनी हैं जो विदेशी एप्स की जगह ले चुकी हैं. 15 अगस्त, 2021 को कॉलर आइडी एप ट्रूकॉलर को टक्कर देने के लिए भारत में बनी भारतकॉलर एप लॉन्च हो चुकी है. इस एप के निर्माता का यह कहना है कि वे ट्रूकॉलर से कुछ मामलों में आगे हैं और यह एप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर लगेगी. आइए इसके बारे में और जानें...
भारतकॉलर एप एक कॉलर आइडी एप है जिसे भारत के ही कुछ इंजीनियरों ने बनाया है. आईआईएम बैंगलोर के पूर्व छात्र और इस एप की निर्माता टीम के प्रमुख सदस्य, प्रज्ज्वल सिन्हा यह कहते हैं कि यह एप भारत में ट्रूकॉलर का विकल्प बन सकता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है. प्रज्ज्वल कहते हैं कि कुछ समय पहले भारतीय सेना ने भारत में ट्रूकॉलर को बैन कर दिया था. इस समय प्रज्ज्वल और उनके मित्र को यह सूझा कि भारत की कोई अपनी कॉलर आइडी एप नहीं है और होनी चाहिए. तभी उन्होंने इस एप को बनाने का फैसला किया.
यह एप बाकी एप्स से इस तरह भिन्न है कि यह अपने यूजरस के कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग्स को अपने सर्वर पर सेव नहीं करता जिससे यूजर्स की निजता पर कोई प्रभाव न पड़े. साथ ही, इस एप का सर डाटा इन्क्रिप्टेड फॉर्मैट में स्टोर किया जाता है और इसका सर्वर भारत के बाहर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता है. इसलिए भारतकॉलर एप पूरी तरह से सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली है.
भारतकॉलर को विभिन्न भारतीय भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि. इसके पीछे का कारण है एप को समावेशी यानी इन्क्लूसिव बनाना जिससे हर भारतीय अपने सुख और अपनी पसंद से भाषा चुन सके और उस भाषा में एप को इस्तेमाल कर सके.
इस एप को एंड्रॉयड और iOS का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स, सभी डाउनलोड कर सकते हैं.
प्रज्ज्वल बताते हैं कि तीन महीने की रिसर्च के बाद, दिसंबर 2020 में इस एप पर काम शुरू हुआ और इसे पूरी तरह तैयार होने में छह महीने का समय लग गया. ट्रायल्स के सफल होने के बाद इस एप के पहले वर्जन को लॉन्च किया गया, जो करीब 1 करोड़ यूजर्स के उपयोग करने के लायक है. भारतकॉलर के निर्माता कहते हैं कि अभी भी वह अपनी एप को वहां नहीं पहुंचा पाए हैं जहां यह एप अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ऐसी दूसरी एप्स से मुकाबला कर सके. अपडेट्स की प्रक्रिया चल रही है और एआई आधारित ऐल्गोरिद्म में सुधार किए जा रहे हैं. वह कहते हैं कि अभी उन्हें काफी काम और करना है.
VIDEO-