Wifi की चोरी हो रही है या नहीं इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका यह है कि राउटर पर ही रोशनी को चेक करें. राउटर पर लाइट होती है जो कि इंटरनेट कनेक्टिविटी, हार्डवेयर नेटवर्क कनेक्शन और अन्य वायरलेस एक्टिविटी दिखाती है.
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नई दिल्ली: कई बार हमारे Internet की स्पीड कम हो जाती और हम समझ नहीं पाते की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. आपको बता दें, कितनी दफा कोई दूसरा व्यक्ति आपका Wifi चुरा के इस्तेमाल करता है, जिससे आपके Internet की स्पीड कम हो जाती है. अगर आप भी इस तरह सी समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको आसान तरीका बताएंगे इससे बचने का. आइए जानते हैं.
राउटर चेक करें
Wifi की चोरी हो रही है या नहीं इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका यह है कि राउटर पर ही रोशनी को चेक करें. राउटर पर लाइट होती है जो कि इंटरनेट कनेक्टिविटी, हार्डवेयर नेटवर्क कनेक्शन और अन्य वायरलेस एक्टिविटी दिखाती है. सबसे पहले तो आपको यह करना है कि वाईफाई नेटवर्क से अपनी सभी डिवाइस को डिस्कनेक्ट करें और यह देखें कि वायरलेस एक्टिविटी दिखाने वाली लाइट ब्लिंक कर रही है या नहीं. अगर लाइट ब्लिंक कर रही है तो आपका वाईफाई किसी अन्य के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है. मगर इस तरीके से आप कुछ भी कर नहीं सकते हैं. लेकिन यह पता करने का सबसे आसान तरीका है.
डिवाइस राउटर लिस्ट चेक करें
यह लिस्ट आपके राउटर के एडमिनिस्ट्रेटर कंसोल के अंदर मिलती है जिसे राउटर कंसोल में लॉगइन करके एक्सेस कर सकते हैं. इसके लिए अपने राउटर के IP एड्रेस वेब ब्राउजर विंडो में दर्ज कर सकते हैं. इसमें अंदर जाने पर आपको सभी डिवाइस नजर आएंगी. सभी राउटर अलग-अलग होते हैं तो पेज को अलग-अलग राउटर कंसोल पर अलग-अलग नाम दे सकते हैं. इसके लिए डिवाइस मैनेजर, कनेक्टेड डिवाइस आदि को सर्च करें. ऐसे में IP एड्रेस, मैक एड्रेस और डिवाइस नाम को दिखाएगा. आपको कोई अन्य डिवाइस देखनी है तो उसके लिए अपने पास मौजूद डिवाइस से तुलना कीजिए. वैकल्पिक तौर पर आप अपने नेटवर्क से कनेक्ट अन्य डिवाइस का पता लगाए कि कंप्यूटर पर नेटवर्क मॉनिटरिंग टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमें से ज्यादातर सॉफ्टवेयर टूल आपके नेटवर्क पर ज्यादा कंट्रोल पाने के लिए कुछ फीचर्स प्रदान करेंगे. किसी थर्ड-पार्टी टूल डाउनलोड करने से पहले आपको यह चेक करना चाहिए कि आपका राउटर अपने सॉफ्टवेयर के साथ आता है या नहीं.
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अपनाएं यह तरीका
आपको यह सुनिश्चित करना है कि आप WEP और WPA जैसे पुराने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल से बच रहे हैं और WPA2-AES जैसे ज्यादा मॉडर्न प्रोटोकॉल इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रोटोकॉल की जानकारी आपको गूगल सर्च में मिल जाएगी. ऐसे में आपको यह ध्यान रखना है कि हमेशा मजबूत पासवर्ड का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा वाई-फाई चोरी होने से बचने के लिए हमेशा प्रति 2 महीने में पासवर्ड बदलते रहें. इस प्रकार अगर कोई आपका वाईफाई पासवर्ड क्रैक भी कर लेता है तो दो महीने बाद वह बाहर हो जाएगा.